लखनऊ

मधुमक्खी पालन में रोजगार एवं आमदनी की असीमित संभावनाएं: -उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह

 

 

मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार चला रही योजना

मधुमक्खी पालन प्रोत्साहित करने हेतु 90 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम

 

 

मधुमक्खी पालन में रोजगार एवं आमदनी की असीमित संभावनाएं: -उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह

 

विशाल समाचार संवाददाता लखनऊ

 

प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार और कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि प्रदेश के उद्यान और खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इसके तहत 90 दिवसीय प्रशिक्षण सत्र 16 सितम्बर से 15 दिसम्बर 2024 तक सहारनपुर, बस्ती और प्रयागराज के औद्यानिक प्रयोग और प्रशिक्षण केन्द्रों पर चलाया जाएगा। प्रतिवर्ष विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनके माध्यम से लगभग 5000 व्यक्तियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। मधुमक्खी पालन में रोजगार एवं आमदनी की असीमित संभावनाएं हैं।

 

उद्यान मंत्री ने बताया कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए उद्यान और खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा विभिन्न योजनाएं चलायी जा रही हैं। उत्तर प्रदेश में लगभग 22 से 23 हजार मिट्रिक टन का शहद उत्पादन होता है। सहारनपुर, बरेली, मुरादाबाद, लखनऊ, सीतापुर, हरदोई, फैजाबाद, बाराबंकी, प्रयागराज, वाराणसी, जौनपुर, आजमगढ़ और अलीगढ़ जनपद प्रमुख शहद उत्पादक हैं। उन्होंने बताया कि एकीकृत वागवानी विकास मिशन (एम.आई.डी.एच.) और राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत 50 मौनवंशों की एक इकाई (उपकरण सहित) की स्थापना पर 40 प्रतिशत का अनुदान लाभार्थियों को प्रदान किया जाता है।

 

निदेशक उद्यान श्री विजय बहादुर द्विवेदी ने बताया कि आयोजित होने वाले 90 दिवसीय प्रशिक्षण में पुरुष और महिलाएं सभी वर्ग के अभ्यर्थी भाग ले सकते हैं। न्यूनतम शैक्षिक योग्यता कक्षा आठ उत्तीर्ण होना आवश्यक है। इच्छुक व्यक्ति अपने निकटतम औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केन्द्र से संपर्क करके और निर्धारित प्रारूप-पत्र भरकर 16 सितम्बर 2024 तक आवेदन कर सकते हैं। आवेदन पत्र के साथ दो सभ्रांत व्यक्तियों या राजपत्रित अधिकारी द्वारा प्रदत्त चरित्र प्रमाण-पत्र भी आवश्यक है। प्रशिक्षण निःशुल्क प्रदान किया जाएगा, लेकिन प्रशिक्षार्थियों को ठहरने और खाने की व्यवस्था स्वयं करनी होगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button