प्रामाणिकता और निष्ठा ही आत्म-विकास एंव नवप्रवर्तन का आधार
श्री अजीत गुलाबचंद के विचार, निकमार यूनिवर्सिटी का प्रथम दीक्षांत समारोह सम्पन्न
पुणे: प्रामाणिकता, अखंडता और निष्ठा आत्म-विकास और नवीनता का आधार है. छात्रों को अपनी असफलताओं से सीखने की जरूरत है. असफलता के बिना सफलता हासिल करनी चाहिए मुश्किल है. कोई भी व्यक्ति विभिन्न रणनीतियों और कई उपकरणों के माध्यम से सफलता के शिखर तक पहुंच सकता है, इसलिए किसी को निराश नहीं होना चाहिए और निरंतरता बनाए रखनी चाहिए, ऐसे विचार निकमार यूनिवर्सिटी के विश्वस्त मंडल अध्यक्ष और एचसीसी लिमिटेड के प्रमुख श्री अजित गुलाबचंद ने व्यक्त किये.
वह पुणे के निकमार यूनिवर्सिटी के पहले दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे. इस कार्यक्रम के अध्यक्ष निकमार यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष डॉ. अनिल कश्यप थे. इस अवसर पर कुलपति डाॅ. सुषमा एस. कुलकर्णी, परीक्षा नियंत्रक डाॅ. आदिनाथ दामले एवं रजिस्ट्रार डाॅ. प्रशांत दवे एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.
इस बीच, एमबीए एडवांस कंस्ट्रक्शन मॅनेजमेंट का छात्र लक्ष्मणन, एमबीए – एडवांस प्रोजेक्ट मैनेजमेंट, 2024 का छात्र पटगर रवींद्र नारायण, एमबीए – रियल इस्टेट एंड अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर मॅनेजमेंट, 2024 छात्र बोंडे कुणाल शांताराम, पीजीपी – क्वांटिटी सर्व्यिंग आणि कंट्रक्ट् मैनेजमेंट, 2024 का छात्र विपुल भालदे, पीजीपी – क्वांटिटी सर्व्यिंग आणि कंट्रक्ट् मैनेजमेंट, 2023 का छात्र प्रजापती शिवप्रसाद बाराखुराम और पीजीपी – मैनेजमेंट ऑफ फैमिली ओन्ड् कंस्ट्रक्शन बिजनेस , २०२३ का छात्र चोवट्या श्रेनिल विजयभाई को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया. साथ ही विभिन्न संकायों के 790 से अधिक स्नातक छात्रों को डिग्री प्रदान की गई.
निकमार यूनिवर्सिटी के बोर्ड के अध्यक्ष और एचसीसी लिमिटेड के प्रमुख श्री अजीत गुलाबचंद ने कहा कि विफलता एक ऐसी संस्था है जो व्यक्ति को सफलता के करीब ले जाती है और विभिन्न पहलुओं का मार्गदर्शन करती है. आपको सशक्त सृजन के लिए कड़ी मेहनत करके मानवता को समृद्ध बनाने का प्रयास करना चाहिए.
निकमार यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष डॉ. अनिल कश्यप ने कहा कि यह छात्रों के जीवन का बहुत महत्वपूर्ण दिन और उनकी कड़ी मेहनत का वास्तविक अनुभव है. निकमार का विचार 1983 में शुरू किया गया था. यहां नई प्रौद्योगिकियों और शहरी विकास के अनुसंधान और शिक्षा के पाठ्यक्रम पढ़ाए जाते हैं. यह वर्तमान बैच सबसे महत्वपूर्ण है और इसने उच्चतम मानक स्थापित किया है. हम उद्योग के लिए तैयार छात्र तैयार करने का प्रयास करते हैं. हमारे छात्र भारत के विकास और विविध शहरों के विकास के लिए प्रतिबद्ध होंगे. हम निकमार के छात्रों को परिवर्तन लाने वाले और व्यावहारिक पेशेवरों के रूप में देखते हैं. हमारा इरादा उच्च स्तरीय शैक्षणिक माहौल बनाने का है.
कुलपति डाॅ. सुषमा एस. कुलकर्णी ने कहा कि विश्वविद्यालय ने छात्रों को व्यावसायिक कौशल विकसित करने के लिए मार्गदर्शन किया है. हमारा मिशन कुशल तकनीकी प्रबंधक और इस प्रकार पेशेवर तैयार करना है. सतत विकास पर अब तक 227 शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं. विभिन्न विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ समझौता ज्ञापनों ने हमारे छात्रों के लिए विदेश में अवसरों के द्वार खोल दिए हैं.
सूत्रसंचालन डॉ. ज्योतिष और डॉ. धामा ने किया. डाॅ. आदिनाथ दामले ने आभार माना.