स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं को सशक्त और पारदर्शी तंत्र प्रदान करता है जिससे बिजली खपत और संबंधित जानकारी को उपभोक्ता खुद ट्रैक कर सकते
सीतामढ़ी विशाल समाचार संवाददाता: स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं को सशक्त और पारदर्शी तंत्र प्रदान करता है जिससे बिजली खपत और संबंधित जानकारी को उपभोक्ता खुद ट्रैक कर सकते हैं। स्मार्ट मीटर से ज्यादा बिल नहीं आता। यदि किसी उपभोक्ता को संशय है तो वे पुराना और स्मार्ट दोनों मीटर एक साथ लगवाकर इसकी जांच करा सकते हैं। सच्चाई यह है कि यह पहले से अधिक उपभोक्ता हित में और पारदर्शी है। किसी तरह की भ्रांति में नहीं पड़ें। अफवाहों से बचें। डीएम श्री रिची पांडेय ने आज विमर्श सभा कक्ष में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उक्त बातें कहीं ।
*स्मार्ट मीटर से आई पारदर्शिता*
डीएम ने कहा कि पहले वाले मीटर में बिल की शिकायत ज्यादा आती थी। बिल को सुधरवाने के लिए काफी चक्कर लगाने पड़ते थे। मीटर रीडिंग मैनुअल होते थे। उसमें कई तरह की समस्याएं आती थीं, लेकिन अब ऐसा नहीं होता। उपभोक्ता अपना उपभोग प्रतिदिन देख सकते हैं।
स्मार्ट मीटर पूरी तरह टेस्टेड होते हैं। स्मार्ट मीटर लगाए जाने के बाद यदि लोड बढ़ता है तो छह माह तक पेनाल्टी नहीं लगेगी।बैलेंस निगेटिव तो दिन में ही कटेगी बिजली
बताया गया कि वैलिडिटी खत्म होने की सूचना एक सप्ताह पहले से दी जाएगी। पूरी तरह निगेटिव हो जाने पर भी 24 घंटे तक बिजली नहीं कटेगी। यदि कोई इस अवधि में भी रिचार्ज नहीं करा पाते हैं तो उनके लिए मीटर में पुश बटन की सुविधा दी जा रही है।
इस बटन को 20 सेकंड तक दबाने पर तीन दिनों तक के लिए बिजली मिल जाएगी। उपभोक्ता घर बैठे रिचार्ज, लोड बढ़ाने के साथ शिकायत भी कर सकते हैं। निगेटिव बैलेंस की स्थिति में दिन के 10 से दो बजे के बीच ही बिजली
कटेगी।
स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को प्रोत्साहन –1.5 प्रतिशत पूर्व भुगतान पर एक प्रतिशत ऑनलाइन रिचार्ज के लिए तथा 0.5% स्मार्ट मीटर पर वित्तीय लाभ दिया जाता है। स्मार्ट मीटर द्वारा डाटा स्वत ही बिलिंग सर्वर पर आ जाता है जिससे ऊर्जा रीडिंग के लिए मीटर रीडर की जरूरत नहीं पड़ती है एवं ऑनलाइन के माध्यम से समय पर विपत्र प्राप्त कर सकते हैं। मानव हस्तक्षेप नहीं होने से विद्युत विपत में त्रुटि की संभावना नहीं रहती है। उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर के कारण बिलिंग प्रक्रिया अधिक पारदर्शी होने से उपभोक्ताओं में विद्युत विपत्र को समझने में सुविधा होती है।
स्मार्ट मीटर अधिष्ठापन से पूर्व विद्युत बकाया राशि को 300 दिनों में भुगतान करने की व्यवस्था की गई है जिससे उपभोक्ताओं को बकाया राशि एक मुश्त जमा करने के वित्तीय भार से मुक्ति मिलती है। स्मार्ट मीटर द्वारा नए विद्युत संबंध स्थापित करने हेतु किसी भी प्रकार की प्रतिभूति राशि नहीं ली जाती है पहले से लिए गए प्रतिभूति की राशि को स्मार्ट मीटर लगने के उपरांत वापस भी किया जाता है। बताया गया कि स्मार्ट मीटर अधिष्ठापन उपरांत यदि मैक्सिमम डिमांड स्वीकृत भार से बढ़ जाता है तो उपभोक्ता को 6 माह तक मैक्सिमम डिमांड शुल्क से राहत दी जाती है।
जिलाधिकारी ने बताया कि स्मार्ट मीटर से प्राप्त सटीक और विस्तृत डाटा समस्याओं का समाधान जल्दी करने में मदद करता है ।उपभोक्ता को मोबाइल ऐप के माध्यम से ही विपत्र प्राप्त हो जाता है तथा बिना कार्यालय गए अपने स्मार्ट मीटर का रिचार्ज भी कर सकते हैं ।त्रुटि रहित विपत्रीकरण से उपभोक्ताओं को विद्युत कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ता है। स्मार्ट मीटर प्रणाली को पारदर्शी और सुलभ बनाता है जिससे उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा उपलब्ध होती है।
उन्होंने पुनः इस बात को दोहराया कि अगर उपभोक्ता का बिजली का लोड बढ़ता है तो अगले 6 महीने तक कोई पेनल्टी नहीं लगेगी ।उपभोक्ता को लोड बढ़ाने का मैसेज मिलेगा और वह अपनी सुविधा के अनुसार ऐप के जरिए लोड बढ़ावा सकता है। कहा कि स्मार्ट मीटर से ज्यादा बिल नहीं आता है ।आधी रात को बिजली नहीं काटी जा सकती है ।अगर बिजली काटी भी जाएगी तो सुबह 10:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे के बीच ही काटी जाएगी ।उन्होंने कहा कि सरकार आम लोगों की सुविधा के लिए स्मार्ट मीटर लगा रही है ।कई जगहों पर स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं। सरकारी दफ्तरों में भी स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं। उन्होंने अभी बताया कि स्मार्ट मीटर बिजली की खपत को नियंत्रित करने और लोगों की सुविधा के लिए लगाई जा रही है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में विद्युत अधीक्षण अभियंता पंकज राजेश, अध्यक्ष उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम राकेश कुमार प्रसाद, विद्युत कार्यपालक अभियंता सीतामढ़ी ,पंकज कुमार ,जिला जन संपर्क पदाधिकारी कमल सिंह सहित विद्युत विभाग के अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।