दवाओं का नशे के रूप में किसी भी हालत में दुरूपयोग न होने दें – कलेक्टर
समाज को नशे से मुक्त बनाने के प्रयासों में दवा विक्रेता सहयोग करें – कलेक्टर
रीवा आलोक कुमार तिवारी:. नशामुक्त भारत अभियान के तहत कलेक्ट्रेट के मोहन सभागार में बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल ने कहा कि रीवा जिले में मेडिकल नशा के विरूद्ध लगातार कार्यवाही की जा रही है। पुलिस द्वारा भारी मात्रा में नशीली दवाओं तथा सिरप को जब्त किया गया है। मेडिकल नशा तेजी से विकसित हो रहे रीवा जिले के लिए कलंक की तरह है। इससे पूरे जिले की छवि धूमिल हो रही है। इस कलंक को मिटाने के लिए किए जा रहे प्रयासों में मेडिकल एसोसिएशन तथा दवा विक्रेता पूरा सहयोग करें। दवाओं का नशे के रूप में किसी भी हालत में दुरूपयोग न होने दें। जिन दवाओं में ऐसे केमिकल्स का उपयोग होता है जिनसे नशा किया जा सकता है उन दवाओं की बिक्री की में सावधानी बरतें। डॉक्टर के पर्चे पर ही दवाएं दें। यदि कोई व्यक्ति ऐसी दवाएं लेने बार-बार आता है तो उसकी सूचना दें।
बैठक में कलेक्टर ने कहा कि कई दवा विक्रेता अनजाने में ही नशीली दवाओं के व्यापार में शामिल हो जाते हैं। चिकित्सा शिक्षा विभाग दवाओं की फैक्ट्री से लेकर वितरण होने तक कोड नम्बर से ट्रैकिंग की व्यवस्था शीघ्र ही शुरू कर रहा है। नशीली दवाओं तथा प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री पर एक लाख रुपए तक के जुर्माने तथा 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। दवा विक्रेता नशीली दवाओं की बिक्री किसी भी रूप में न करें। यदि कोई नशे का आदी व्यक्ति है तो प्रशासन उसके पुनर्वास के पूरे प्रयास करेगा। ऐसे व्यक्तियों की सूचना पुलिस अथवा सामाजिक न्याय विभाग को अवश्य दें। बैठक में ड्रग इंस्पेक्टर राधेश्याम बट्टी ने नारकोटिक्स एक्ट के प्रावधानों, ड्रग प्राइस कंट्रोल एक्ट के प्रावधानों की जानकारी दी। उन्होंने नशीली दवाओं की बिक्री में बरतने वाली सावधानियों की भी जानकारी दी। बैठक में अपर कलेक्टर श्रीमती सपना त्रिपाठी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल सोनकर, एसडीओपी उदित मिश्रा, संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय अनिल दुबे, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संजीव शुक्ला, मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष तरूणेन्द्र सिंह, सचिव आरके मिश्रा तथा अन्य पदाधिकारी, थोक एवं फुटकर दवा विक्रेता और स्टॉकिस्ट उपस्थित रहे।
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