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इटावा में घर के अंदर 6 फीट लंबा मगरमच्छ मिला, रायबरेली में अजगर ने नीलगाय को बनाया निवाला

इटावा में घर के अंदर 6 फीट लंबा मगरमच्छ मिला, रायबरेली में अजगर ने नीलगाय को बनाया निवाला

विशाल समाचार संवाददाता 

इटावा/रायबरेली : जसवंतनगर में बलरई क्षेत्र के ग्राम विकासनगर में उस समय अफरातफरी मच गई, जब एक घर में मगरमच्छ घुस आया. छह फीट के भारी भरकम मगरमच्छ को देखकर घर में मौजूद लोगों की सांसें अटक गईं. सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने मगरमच्छ को रेस्क्यू किया. इसके बाद घरवालों ने राहत की सांस लीं. वहीं रायबरेली में विशालकाय अजगर ने नीलगाय के बच्चे को निवाल बना लिया.

 

जसवंतनगर के अंतर्गत बलरई थाना क्षेत्र के ग्राम विकासनगर में भोगनीपुर गंग नहर के किनारे विनोद महेरे के घर की है. ग्रामीणों के अनुसार विनोद के घर में भारी भरकम मगरमच्छ घुस गया था. मगरमच्छ को देख घरवाले काफी सहम गए और शोर मचा कर पड़ोसियों को सूचना दी. इसके बाद बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंचे गए और वन विभाग की टीम को सूचना दी. इस दौरान किसी विनाद और उसके परिजन घर से निकल आए.घर में मगरमच्छ के घुसे होने की सूचना पर वन विभाग की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद उसे काबू में किया. इसके बाद मगरमच्छ का चिकित्सा परीक्षण के लिए ले जाया गया और वहां से उचित स्थान पर छोड़ दिया गया. रेस्क्यू ऑपरेशन में संजीव चौहान, रतन तिवारी, अमित कुमार सिंह सिसोदिया, अजीत पाल सिंह सिकरवार, विनोद महेरे, ज्ञानेश कुमार चौहान, सचिन कुमार, डालचन्द्र वाचर और ब्रह्मसिंह वाचर शामिल थे. बताया गया मगरमच्छ करीब छह फीट लंबा और 35 से 40 किलोग्राम वजन का था।

अजगर ने निगला नीलगाय का बच्चा

रायबरेली के ऊंचाहार थाना क्षेत्र के छोटे मियां का पुरवा कन्हाई में घनी झाड़ियों में छिपे विशालकाय अजगर ने नीलगाय के बच्चे को निगल लिया. ग्रामीणों की आहट पाकर अजगर भागने लगा. इस दौरान ग्रामीणों ने उसे देख लिया और वन विभाग को सूचना दी. फारेस्टर दिनेश चंद्र गुप्ता ने बताया कि टीम मौके पर भेजी गई थी, लेकिन बिल में घुसे होने की वजह से अजगर को रेस्क्यू नहीं किया जा सका.मगरमच्छ से बचने की तरकीब :नदी या नहर के किनारे पर चलते समय पानी से दूरी बनाए रखें. उन वनस्पतियों से बचें जहां अजगर या अन्य जंगली जानवर छिप रहते हैं. खतरा महसूस करने पर हमला करने वाला मगरमच्छ पहले जोरदार फुफकार मारता है. अगर आपको मगरमच्छ की फुफकार सुनाई दे तो यह पता लगाने की कोशिश करें कि आवाज किधर से आ रही है. इसके बाद चुपचाप और तेजी से विपरीत दिशा में चले जाएं. मगरमच्छों को कभी न छेड़ें, न ही परेशान करें फिर चाहे वे छोटे ही क्यों न हों. मगरमच्छों को कभी खाना न खिलाएं. यह खतरनाक साबित हो सकता है. रात में और सितंबर से अप्रैल तक प्रजनन के मौसम के दौरान उनके निवास स्थलों पर जाने सेमगरमच्छ की सबसे बड़ी कमजोरी : दरअसल भयानक और खतरनाक दिखने वाले मगरमच्छ के जबड़े खोलने वाली मांसपेशी बहुत कमजोर होती है. यह मांसपेशी कमजोर होने के साथ आकार में बहुत छोटी होती है. ऐसे में थोड़ी से सतर्कता और साहस से मगरमच्छ के हमले से बचा जा सकता है.

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