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मध्यप्रदेश विधानसभा ने लोकतांत्रिक परंपराओं को सुदृढ़ करने में निभाई है विशिष्ट भूमिका: उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल

मध्यप्रदेश विधानसभा ने लोकतांत्रिक परंपराओं को सुदृढ़ करने में निभाई है विशिष्ट भूमिका: उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल

पूर्वजों ने जिस उद्देश्य और संकल्प के साथ रखी थी मध्यप्रदेश की नींव उसे पूरा करने के लिए हम सब संकल्पित

रीवा विशाल समाचार संवाददाता.उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि मध्यप्रदेश विधानसभा ने लोकतांत्रिक परंपराओं को सुदृढ़ करने में अपनी विशिष्ट भूमिका निभाई है। 17 दिसंबर 1956 को मध्यप्रदेश विधानसभा के पहले सत्र से लेकर आज तक प्रदेश ने विकास और सुशासन की एक लंबी यात्रा तय की है। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने मध्यप्रदेश विधानसभा के पहले सत्र की 68 वीं वर्षगांठ पर सदन में संबोधित करते हुए प्रदेश की लोकतांत्रिक परंपराओं, विकास यात्रा और भविष्य की योजनाओं पर अपने विचार व्यक्त किए।

उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि 1950 में संविधान लागू होने के बाद मध्यप्रदेश कई हिस्सों में विभाजित था, जिसमें विन्ध्य प्रदेश, मध्य भारत, भोपाल और सेन्ट्रल प्रोविन्सेस शामिल थे। राज्यों के पुनर्गठन के बाद 1 नवंबर 1956 को मध्यप्रदेश का गठन हुआ। उस समय से अब तक प्रदेश ने लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को सशक्त बनाते हुए विकास के नये आयाम स्थापित किए हैं। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि वर्ष 2003 से 2024 तक मध्यप्रदेश ने अभूतपूर्व प्रगति की है। सिंचाई क्षेत्र में क्रांतिकारी विकास हुआ है। 2003 के पहले प्रदेश में मात्र 7 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित होती थी, जो अब बढ़कर 50 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आगामी योजनाओं से यह आंकड़ा 1 करोड़ हेक्टेयर तक पहुंचने की उम्मीद है। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने इस संदर्भ में काली सिंध, पार्वती और चंबल नदियों को जोड़ने की योजना का जिक्र किया, जिसका भूमिपूजन 17 दिसम्बर की ऐतिहासिक तिथि को प्रधानमंत्री द्वारा जयपुर में किया गया। उन्होंने यह भी बताया कि 25 दिसंबर को छतरपुर में केन और बेतवा नदी को जोड़ने की योजना का भूमिपूजन किया जाएगा, जो 1.75 लाख करोड़ रुपये की लागत से 15 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचित करेगी।

उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि मध्यप्रदेश अपनी आर्थिक प्रगति के साथ वित्तीय स्थिरता बनाए रखने में सफल रहा है। राज्य का कर्ज सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3 प्रतिशत से कम है, जो इसे एक प्रगतिशील राज्य के रूप में स्थापित करता है। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने जिस उद्देश्य और संकल्प के साथ मध्यप्रदेश की नींव रखी थी, हम सभी गर्व के साथ उसे पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं। विधानसभा की यह यात्रा प्रदेश की जनता की आकांक्षाओं को साकार करने की दिशा में सतत रूप से अग्रसर है। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर और सभी सदस्यों को इस ऐतिहासिक अवसर पर शुभकामनाएं दीं और प्रदेश के उज्ज्वल भविष्य के लिए संकल्प व्यक्त किया। उन्होने विधानसभा अध्यक्ष श्री तोमर का इस दिवस के लिये विशेष समय प्रदान करने के लिये आभार व्यक्त किया।

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