अलार्ड यूनिवर्सिटी में फ्रेशर्स पार्टी आगाज-२०२४ का आयोजन
पुणे : नवप्रवेशित विद्यार्थी किसी भी विश्वविद्यालय के पौधे होते है, तथा वे पोषण के पश्चात विशाल वृक्ष की तरह संस्थान एवं समाज को छाया प्रदान करते है. ऐसे विचार अलार्ड विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. पूनम कश्यप ने कहे.
अलार्ड यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ हेल्थ एंड एलाइड साइंसेज, स्कूल ऑफ लॉ और स्कूल ऑफ डिजाइन की ओर से अपने पहले सेमेस्टर के छात्रों के लिए फ्रेशर्स पार्टी आगाज-२०२४ आयोजन किया था. इस वक्त वे छात्रों को संबोधित कर रहे थे.
यह कार्यक्रम अलार्ड विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ.एल.आर.यादव के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ.
डॉ. पूनम कश्यप कहा, फ्रेशर्स डे कार्यक्रम एक ओर जहां नवप्रवेशित विद्यार्थियों को एक दूसरे से परिचित करता है, वही उनमें अपने चुने हुए विश्वविद्यालय के साथ अपने करियर की शुरूआत करने तथा उसे नई उंचाईयों पर ले जाने का उत्साह भी भरता है.
अलार्ड चैरिटेबल ट्रस्ट पुणे के सचिव डॉ. राम यादव ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा, अब आपके पास विश्वविद्यालय के रूप में एक खुला कैनवास है, जहां आप अपने सपनों को विभिन्न रंगो से भरकर उन्हें सुंदर बना सकते है. साथ ही देश व दुनिया को और भी सुंदर बना सकते है.
स्कूल ऑफ हेल्थ एंड बायोसाइंस के डीन डॉ. प्रो. अजय कुमार जैन ने कहा, आप जो भी करें, उसमें बेहतर करें. अब सीखते हुए कमाने का समय है. इसके लिए विश्वविद्यालय में विभिन्न प्रकार के व्यावसायिक पाठ्यक्रम उपलब्ध है. आप इस विवि की संपत्ति बन गए है. हम आपको और अधिक मूल्यवान बनाने में अपनी पूरी ऊर्जा लगाएंगे. यहां उन्नत सुविधाओं और गुणवत्ता वाले शिक्षकों की मदद से आप पूरे राष्ट्र के लिए एक महत्वपूर्ण मानव संसाधन साबित होंगे.
यहां पर छात्रों ने रैंप वॉक, कविता, गीत, खेल, प्रदर्शन और नृत्य के माध्यम से अपनी प्रतिभा और कौशल का प्रदर्शन किया. कार्यक्रम के अंत में स्वास्थ्य और जैव विज्ञान से कशिश और अमृत श्रीवास्तव, स्कूल ऑफ डिजाइन से प्रकृति और ओम को मिस्टर फ्रेशर और मिस फ्रेशर का खिताब दिया गया.
यहां पर निर्णायक मंडल के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए एपीएस की निदेशक ज्योत्सना मिश्रा और प्रिसिंपल शुभ्रा श्रीवास्तव का विशेष सम्मान किया गया.
कार्यक्रम में मैनजमेंट साइंस के डीन डॉ. प्रो. डी के त्रिपाठी, स्कूल ऑफ डिजाइन के डीन डॉ.प्रो अमित और प्रो. एसके श्रीवास्तव उपस्थित थे. साथ ही कार्यक्रम का समन्वय और प्रबंधन डॉ. सविता पांडे, डॉ.दिशा पटेल, आशीष, सोनाली और अन्य संकायो ने किया.