उर्दू जुबान भारतीय एकता का प्रतीक: उप समाहर्ता
सीतामढ़ी विशाल समाचार संवाददाता कमला बालिका माध्यमिक विद्यालय डुमरा में जिला उर्दू कोषांग के तत्वाधान में उर्दू भाषी छात्र– छात्राओं के लिए भाषण प्रतियोगिता का उदघाट्न अपर समाहर्ता सह वरीय पदाधिकारी (उर्दू) कुमार धनंजय ,अनुवाद पदाधिकारी (उर्दू) सह प्रभारी पदाधिकारी जिला उर्दू भाषा कोषांग शफी अहमद, जिला औकाफ़ कमिटी के चेयरमैन गुलाम मुस्तफा उर्फ गौहर समी, कमला बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय डुमरा के प्राचार्य डॉ (प्रो) मो कमरुल होदा, एम के कॉलेज भुतही के प्रो मसूद आलम उर्फ गौहर सिद्दीकी, मदरसा रहमानिया मेहसौल के पूर्व अध्यक्ष मो अरमान अली, मौलाना मो मोतीउर्रहमान, एम आर चिश्ती,मो शम्स शाहनवाज, मो तबरेज आलम ने दीप प्रज्वलित कर किए। इस अवसर पर संबोधित करते हुए अपर समाहर्ता सह वरीय पदाधिकारी (उर्दू) कुमार धनंजय कि कहा कि आज मुझे बड़ी खुशी हो रही है और हो भी क्यों न क्योंकि उर्दू जबान भारतीय एकता का प्रतीक है। मैं तो इंग्लिश का विद्यार्थी रहा हूं। मगर अपने एक मित्र नसीम से उर्दू शेर व शायरी को सुना करता था। उर्दू की गजल आज भी मुझे याद है ।उर्दू भाषी छात्र-छात्राओं के प्रोत्साहन के मद्देनजर इस तरह के प्रतियोगिता का आयोजन काबिले तारीफ है। उन्होंने कहा कि उर्दू बिहार के द्वितीय राजभाषा है और इसके विकास के लिए समय-समय पर इस तरह के कार्यक्रम निश्चित रूप से सराहनीय है। उन्होंने कहा कि उर्दू एक मीठी जुबान है अपने उत्पत्ति से लेकर आज तक भारत के सभ्यता एवं संस्कृति को प्रभावित करती रही है। कहा कि भारत की गंगा जमुनी तहजीब को सजाने संवारने में इस भाषा ने काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उक्त कार्यक्रम उर्दू निदेशालय मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग, बिहार के तत्वाधान में जिला उर्दू कोषांग के द्वारा आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में उर्दू भाषा के प्रोत्साहन के लिए छात्र छात्राओं द्वारा विभिन्न विषयों पर उर्दू भाषा में भाषण प्रतियोगिता और चर्चा की गई। कार्यक्रम में जिले के हाई स्कूल, उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों, कॉलेज एवं सरकारी मदरसों में पढ़ने वाले छात्र- छात्राओं ने भाग लिया। भाषण प्रतियोगिता में मैट्रिक/ समकक्ष के लिए तालीम की अहमियत एवं शराब सभी बुराइयों की जड़, इंटर समकक्ष समूह के लिए सफाई की अहमियत एवं जल-जीवन- हरियाली, ग्रेजुएशन समकक्ष वर्ग समूह के लिए उर्दू ग़ज़ल की आवामी मकबूलियत विषय रखा गया था। उपरोक्त निर्धारित विषयों पर सभी समूह के प्रतिभागियों ने अपने अपने- विचार रखे। भाषण प्रतियोगिता प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल में कमला बालिका के प्राचार्य मो कमरुल होदा, एम आर चिश्ती, प्रो मसूद आलम उर्फ गौहर सिद्दीकी, मदरसा फैजे आम फुलवरिया बाजपट्टी के प्राचार्य मौलाना मो मोतीउर्हमान कासमी शामिल थे।
मंच संचालन प्रो गौहर सिद्दीकी ने किया। मौके पर उर्दू भाषा कोषांग के प्रभारी पदाधिकारी सह अनुवाद पदाधिकारी शफी अहमद, उर्दू अनुवादक मो तबरेज आलम, मो इलियास, मो इकबाल आलम,मो मुर्तुजा, तमीम अख्तर, मो बहाउद्दीन, सैयद नसर अहमद,मो अरमान अली, मौलाना जियाउर्रहमान कासमी,मो मोनाजेरूल इस्लाम, मो मजहर अली राजा, मो तनवीर शमशी, मो तालिब हुसैन आजाद, कमर मिस्बाही,मो यासिर नेहाल, मो बशारत करीम गुलाब,मो इरशाद, मौलाना मो सोहराब, हाफिज मो मोबीन, कारी मुश्ताक अहमद, मो अशफाक, मौलाना गुफरान, मो अजमल,मो बशीरउद्दीन,मो मज़हरुल हक, ज़ियाउल हक समेत सैकड़ों लोग मौजूद थे।