ध्यान खुशहाल व समृद्ध जीवन का स्वर्णिम मार्ग प्रा. डॉ. संजय बी. चोरडिया; ‘सूर्यदत्त’ द्वारा हर्षोल्लास से मनाया गया प्रथम विश्व ध्यान दिवस
प्रथम विश्व ध्यान दिवस पर बीके सरिताबेन राठी को ‘सूर्यभारत वैश्विक शांति पुरस्कार’ प्रदान
नियमित ध्यान सुखी और तनावमुक्त जीवन की कुंजी
बीके सरिताबेन राठी ने ‘सूर्यदत्त’ में आयोजित विश्व ध्यान दिवस कार्यक्रम पर कहा
प्रथम विश्व ध्यान दिवस पर बीके सरिताबेन राठी को ‘सूर्यभारत वैश्विक शांति पुरस्कार’ प्रदान
Report D.S.Tomar
पुणे: “आज की स्पर्धात्मक जीवनशैली में मानसिक तनाव, नींद न आना, भय जैसे मानसिक विकार बढ़ते जा रहे हैं। इन समस्याओं से निपटने के लिए मेडिटेशन (ध्यान) ही एकमात्र उपाय है। मन को शांत, तन को स्थिर और विचारों को सकारात्मक रखने के लिए ध्यान सबसे बेहतर साधन है। खुशहाल और तनावमुक्त जीवन जीने के लिए मेडिटेशन को अपनाए,” ऐसा प्रतिपादन ब्रह्माकुमारी (बीके) सरिताबेन राठी ने किया।
सूर्यदत्त एजुकेशन फाउंडेशन द्वारा पहले विश्व ध्यान दिवस के अवसर पर सरिताबेन राठी के मेडिटेशन सत्र का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम सूर्यदत्त के बावधन परिसर स्थित बन्सीरत्न सभागार में आयोजित हुआ। इस अवसर पर सूर्यदत्त एजुकेशन फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष प्रा. डॉ. संजय बी. चोरडिया, सहयोगी उपाध्यक्षा स्नेहल नवलखा, निदेशक प्रशांत पितालिया, सूर्यदत्त के सभी प्राचार्य, विभाग प्रमुख, शिक्षक, गैर-शिक्षक कर्मचारी और बड़ी संख्या में छात्र उपस्थित थे।
इस कार्यक्रम में शांति और तनावमुक्त जीवन स्थापित करने के लिए कार्यरत ब्रह्माकुमारी सरिताबेन राठी को ‘सूर्यभारत ग्लोबल पीस अवॉर्ड-2024’ प्रदान किया गया. भगवान महावीर की मंगल मुद्रा की प्रतिमा, सन्मानचिन्ह और स्कार्फ देकर सम्मानित किया गया। साथ ही, उनके हाथो भगवान महावीर मेडिटेशन सेंटर का उद्घाटन भी किया गया। विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों ने ध्यान का अभ्यास कर मानसिक शांति का संदेश आत्मसात किया।
सरिताबेन राठी ने कहा, “छोटी-छोटी बातों से तनाव और चिंता बढ़ने लगी है। युवा पीढ़ी में सहनशीलता, समझदारी, एकाग्रता और स्थिरता की कमी इसका मुख्य कारण है। ऐसे समय में मानसिक शांति और स्थिरता बेहद जरूरी है। नियमित ध्यान के अभ्यास से जीवन की सभी समस्याओं का समाधान कर एक आनंदित और समृद्ध जीवन जिया जा सकता है। ध्यान का मतलब सिर्फ आंखें बंद करना नहीं है, बल्कि अपनी अंतरात्मा का प्रकाश महसूस करना और अपने संकल्प को पूरा करने की शक्ति पाना है। सूर्यदत्त द्वारा ऐसे जीवनमूल्यों को छात्रों में विकसित करने का प्रयास सराहनीय है।”
प्रा. डॉ. संजय बी. चोरडिया ने कहा, “ब्रहमाकुमारी का मंत्र ‘संकल्प से सिद्धि तक’ हमारे जीवन का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए। ध्यान का महत्व अपार है। कई प्रसिद्ध सेलिब्रिटी और राजनेता नियमित ध्यान करते हैं, जिससे उनका जीवन सुखी और समृद्ध होता है। यह विश्व का पहला ऐसा आयोजन है जहां विश्व ध्यान दिवस मनाया जा रहा है। सूर्यदत्त सिर्फ उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान नहीं करता, बल्कि छात्रों के समग्र विकास के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन भी करता है। भगवान महावीर मेडिटेशन सेंटर सभी शिक्षकों, कर्मचारियों, छात्रों और उनके परिवारों के लिए ध्यान के लिए खुला रहेगा।”
कार्यक्रम का संचालन प्रशांत पितालिया ने किया और स्नेहल नवलखा ने आभार व्यक्त किया।