आरोग्यमध्य प्रदेश

दस्तक अभियान में गंभीर रूप से बीमार हर बच्चे का चिन्हांकन करें : कलेक्टर दस्तक अभियान के लिये ब्लॉक तथा सेक्टरवार बैठक कर तैयारी करें:कलेक्टर

दस्तक अभियान में गंभीर रूप से बीमार हर बच्चे का चिन्हांकन करें : कलेक्टर
दस्तक अभियान के लिये ब्लॉक तथा सेक्टरवार बैठक कर तैयारी करें:कलेक्टर

रीवा( मध्यप्रदेश): कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने 19 जुलाई से 18 अगस्त तक चलाये जाने वाले दस्तक अभियान के तैयारियों की समीक्षा की। कलेक्टर ने कहा कि अभियान के दौरान हर घर जाकर डायरिया, निमोनिया तथा अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त बच्चों का चिन्हांकन करें। अभियान के दौरान जन्मजात विकृतियों से पीडि़त बच्चों का भी चिन्हांकन करें। शिशु मृत्यु दर पर नियंत्रण के लिये समय पर जीवनरक्षक टीके लगाना तथा बच्चों की उचित देखभाल करना आवश्यक होगा। माता का कम पोषित होने पर कई बच्चे जन्म से ही बीमार और कम पोषित होते हैं। घर में साफ-सफाई न होने, दूषित पानी तथा भोजन एवं बच्चों का सही पोषण न होना उन्हें बार-बार बीमार करता है जिसके कारण कई बच्चों की असमय मृत्यु हो जाती है। छोटी-छोटी सावधानी बरतकर इन कमियों को दूर किया जा सकता है। इसके लिये स्वास्थ्य विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के मैदानी कर्मचारियों को लगातार प्रयास करने होंगे।
कलेक्टर ने कहा कि लोगों को स्वच्छता, टीकाकरण तथा सुपोषण के लिये लगातार जागरूक करने की आवश्यकता है। हमें व्यवहार परिवर्तन के लिये भी लगातार प्रयास करने होंगे। दस्तक अभियान के तहत चिन्हित क्षेत्रों में हर घर जाकर 5 साल तक के बच्चों का सर्वेक्षण करें। एक भी बच्चा सर्वेक्षण से छूटना नहीं चाहिए। यदि कोई बच्चा कुपोषित अथवा बीमार मिलता है तो तत्काल उपचार की व्यवस्था करायें। प्रत्येक परिवार को ओआरएस का पैकेट अनिवार्य रूप से दें। जिस घर में दस्त से पीडि़त बच्चा हो वहां ओआरएस का अतिरिक्त पैकेट तथा दवायें दें। दस्तक अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये महिला एवं बाल विकास विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग की जिला, विकासखण्ड एवं सेक्टर स्तर पर समन्वय बैठक तथा प्रशिक्षण आयोजित करें। सेक्टरवार तैयार कार्ययोजना के अनुसार अभियान संचालित करें। अभियान की प्रगति की प्रतिदिन रिपोर्ट अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करें।
कलेक्टर ने कहा कि दस्तक अभियान के दौरान ओआरएस पैकेट, विटामिन ए के घोल, जिंक की दवायें तथा अन्य दवाओं का वितरण करायें। घर-घर जाकर कम पोषित बच्चों की पहचान कर उन्हें अतिरिक्त पूरक पोषण आहार उपलब्ध करायें। पोषण पुनर्वास केन्द्र में अति कुपोषित बच्चों को भर्ती करके आवश्यक पोषण उपचार सुविधा दें। यहां यदि बेड खाली रहे तो संबंधितों पर कार्यवाही की जायेगी। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दस्तक दल को आवश्यक दवायें तथा उपचार सामग्री तत्काल उपलब्ध करायें। बच्चों के कम पोषित होने तथा बार-बार बीमार होने का एक प्रमुख कारण स्तनपान में लापरवाही है। गर्भावस्था से ही माता को शिशु को छ: माह तक केवल स्तनपान कराने की समझाइश दें। सभी अस्पतालों तथा डिलेवरी प्वाइंट में स्तनपान जागरूकता संबंधी फ्लैक्स लगायें। नवीन बस स्टैण्ड में शिशुओं को स्तनपान कराने के लिये साफ कक्ष का निर्माण करायें। दस्तक अभियान में आरबीएसके की टीम भी तैनात रहेगी।
बैठक में कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग के लंबित सीएम हेल्पलाइन प्रकरणों के निराकरण की भी समीक्षा की। कलेक्टर ने बीएमओ लंबित प्रकरणों का सात दिवस में निराकरण के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि दस्तक अभियान तथा सीएम हेल्पलाइन प्रकरणों के निराकरण की हर सप्ताह समीक्षा की जायेगी। बैठक में जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. बीके अग्निहोत्री ने दस्तक अभियान के संबंध में जानकारी दी। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एमएल गुप्ता, सिविल सर्जन डॉ. एचपी गुप्ता, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती प्रतिभा पाण्डेय, डीपीएम अर्पिता सिंह, सभी बीएमओ, परियोजना अधिकारी तथा पर्यवेक्षक उपस्थित रहे।

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