कोका-कोला इंडिया महाकुंभ 2025 में भक्तों को दे रहा है हाइड्रेशन, ताज़गी और अपनेपन की सौगात
राष्ट्रीय : कोका-कोला इंडिया महाकुंभ 2025 में अपनी शानदार उपस्थिति दर्ज करा रही है। कंपनी अपने प्रमुख ब्रांड्स—कोका-कोला, थम्स अप, स्प्राइट, चार्ज्ड, माजा, किनली, फैंटा, और मिनट मेड—को उन लाखों दर्शकों तक पहुंचाएगी, जो दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक आयोजनों में से एक महाकुंभ में भाग लेने आ रहे हैं। कोका-कोला के उत्पाद हर 400 मीटर पर उपलब्ध होंगे, जिससे भक्तों को हर समय ताजगी और हाइड्रेशन का अनुभव मिलेगा।
इस अवसर को और भी यादगार बनाने के लिए कंपनी कुछ खास बेवरेजेस की महाकुंभ स्पेशल एडिशन पैकेजिंग लॉन्च कर रही है। इन पैकेजिंग पर भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर की झलक देखने को मिलेगी, जो न सिर्फ उत्पादों को एक अलग सांस्कृतिक स्पर्श देगी, बल्कि इसे लोग यादगार के रूप में भी संजो सकते हैं। इसके अलावा, कंपनी की जमीनी स्तर पर उपस्थिति यह सुनिश्चित करेगी कि उपभोक्ता आसानी से हाइड्रेशन कार्ट्स और फूड कोर्ट जैसी सुविधाओं के जरिए अपनी प्यास बुझा सकें। कोका-कोला के पेय पदार्थों को कुंभ के स्वादिष्ट व्यंजनों के साथ जोड़कर हर अनुभव को खास और मजेदार बनाया जाएगा।
कोका-कोला इंडिया अपनी दिलचस्प एक्टिवेशंस और आकर्षक विजुअल्स के जरिए महाकुंभ उत्सव के अनुभव को और भी खास बना रही है। साथ ही यह अपनी पहलों से इस आयोजन में एक सार्थक प्रभाव डाल रही है।
कोका-कोला इंडिया और साउथ वेस्ट एशिया में मार्केटिंग की वाइस प्रेसिडेंट ग्रीष्मा सिंह ने कहा, ‘हम देश के सबसे प्रसिद्ध सांस्कृतिक उत्सवों में से एक, महाकुंभ में करोड़ों लोगों को ताजगी देने में अपनी भूमिका निभाकर बहुत खुश हैं। हम स्थानीय व्यंजनों और फ्लेवर्स के साथ अपने विविध बेवरेजेस का संयोजन करेंगे, ताकि महाकुंभ के सभी आगंतुकों का अनुभव और भी यादगार हो सके। इस आयोजन के दौरान, हम सामाजिक प्रभाव उत्पन्न करने के लिए कई पहलों पर काम करेंगे, जिनमें रिपर्पज्ड पैकेजिंग और पुनर्चक्रण पर जागरूकता बढ़ाने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।”
बदलाव लाने की चाहत के साथ कोका-कोला इंडिया ने PET कचरे को एकत्र तथा पुन:चक्रित करने के लिये कचरे के प्रबंधन की पहलें की हैं।
कोका-कोला इंडिया महाकुंभ 2025 में आनंद और जुड़ाव के यादगार पल जोड़ते हुए एक नया आयाम स्थापित कर रही है। कंपनी यह सुनिश्चित कर रही है कि आगंतुक केवल यादें ही नहीं, बल्कि साझा जिम्मेदारी का गहरा अहसास
भी लेकर जाएं।