
बसपा संस्थापक मान्यवर कांशीराम जी की जयंती पर अभिवादन
बहुजन उत्थान के लिए सत्ता की ‘मास्टर चाबी’ महत्वपूर्ण; डॉ. हुलगेश चलवादी का प्रतिपादन
पुणे:देश के गरीब, उपेक्षित, शोषित और वंचित वर्ग के लिए बहुजन समाज पार्टी की स्थापना कर दलित, आदिवासी, ओबीसी के अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाले और उन्हें राजनीति में स्थान दिलाने वाले जननेता मान्यवर कांशीराम जी की जयंती के अवसर पर बहुजन समाज पार्टी की ओर से उन्हें अभिवादन किया। सामाजिक परिवर्तन आंदोलन को तन-मन-धन से समर्पित कर उसे और अधिक मजबूत करने के संकल्प के साथ, पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष, देश की ‘आयरन लेडी’ और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री बहन मायावती जी ने इस अवसर पर पार्टी के नेता, पदाधिकारी, कार्यकर्ता और समर्थकों का आभार व्यक्त किया, ऐसी जानकारी पार्टी के प्रदेश महासचिव एवं पश्चिम महाराष्ट्र ज़ोन प्रमुख डॉ. हुलगेश चलवादी ने शनिवार (15 मार्च) को दी।
बहुजन समाज को गरीबी, बेरोजगारी, शोषण, अत्याचार, पिछड़ापन, जातिवाद, सांप्रदायिक हिंसा और धार्मिक तनाव से मुक्त जीवन जीने के लिए अपनी वोट की शक्ति का एहसास कराकर सत्ता की चाबी हासिल करना आवश्यक है। यही मान्यवर कांशीराम जी की जयंती पर पार्टी का सर्वोच्च संदेश है, जिसे सुश्री बहन मायावती जी ने दिया है, ऐसा डॉ. चलवादी ने कहा। मान्यवर कांशीराम जी का जीवन और उनका कार्य समाज के दलित, शोषित और वंचित वर्ग के लिए एक आदर्श बना। उन्होंने अपने संघर्ष और नेतृत्व से देश की राजनीति और समाज में महत्वपूर्ण बदलाव लाए। शोषण के विरुद्ध और समानता के आधार पर समाज की प्रगति के लिए मान्यवर कांशीराम जी का योगदान सराहनीय है।
समाज में परिवर्तन लाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने अधिकारों को पहचानना और उनके लिए एकजुट होना आवश्यक है। इसी मूलमंत्र के अनुसार मान्यवर कांशीराम जी ने जातिवाद, धर्मवाद और सामाजिक अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ी। उनका जीवन संघर्ष आज भी बहुजन समाज के लिए प्रेरणादायी है और उनके विचार आज भी समाज के लिए मार्गदर्शक हैं, ऐसा डॉ. चलवादी ने इस अवसर पर कहा।
बहुजन समाज पार्टी केवल बोलने में नहीं, बल्कि करके दिखाने में विश्वास रखती है। सुश्री बहन मायावती जी के नेतृत्व में देश ने इसका अनुभव लिया है। उनके शासनकाल में उत्तर प्रदेश का संपूर्ण विकास हुआ। आम जनता के लिए सही मायने में ‘अच्छे दिन’ लाने वाली वे पहली मुख्यमंत्री थीं, इसमें कोई संदेह नहीं। लेकिन अन्य राजनीतिक दल केवल बड़े-बड़े वादे करने में ही व्यस्त रहते हैं और वास्तविक कार्य से दूर रहते हैं, ऐसा डॉ. चलवादी ने कहा।