
महाराष्ट्र के सबसे प्रतिभाशाली टेक छात्रों ने केपीआईटी स्पार्कल 2025 में एआई-संचालित साइबर सुरक्षा और स्मार्ट निर्माण परिवहन समाधानों के साथ किया अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन
महाराष्ट्र: केपीआईटी टेक्नोलॉजीज द्वारा आयोजित प्रतिष्ठित देशव्यापी नवोन्मेष प्रतियोगिता, केपीआईटी स्पार्कल 2025 में महाराष्ट्र के दो नवोन्मेषी छात्र प्रोजेक्ट उभर कर सामने आए, जिन्होंने साइबर सुरक्षा और ऑटोनॉमस मोबिलिटी (स्वायत्त परिवहन) से जुड़ी चुनौतियों के लिए अत्याधुनिक समाधान प्रदर्शित किए। पुणे के जयवंतराव सावंत कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के छात्रों ने वाहन नेटवर्क में इंटरेस्ट फ्लडिंग अटैक (आईएफए) का मुकाबला करने के लिए एआई-संचालित साइबर सुरक्षा प्रणाली विकसित की, जिससे स्मार्ट परिवहन सुरक्षा बढ़ेगी। इधर, औरंगाबाद के सीएसएमएसएस सीएचएच. शाहू कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग की एक टीम ने निर्माण के लिए विभिन्न क्षेत्रों तक सामग्री परिवहन में आसानी, श्रम की कमी के सामधान और दक्षता बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया स्वायत्त निर्माण वाहन (ऑटोनॉमस बिल्डिंग व्हीकल) पेश किया।
पुणे के जयवंतराव सावंत कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के छात्रों – साक्षी देसाई, तुषार धनगर, प्रज्वल शेलार और विशाखा भोसले – की टीम, वैनगार्डियन्स के अंग के रूप में विकसित यह उन्नत मशीन लर्निंग-आधारित पहचान प्रणाली (डिटेक्शन सिस्टम) वेहिक्यूलर नेम्ड डेटा नेटवर्किंग (वीएनडीएन) में इंटरेस्ट फ्लडिंग अटैक (आईएफए) का प्रभावी तरीके से मुकाबला करती है। उनका नवोन्मेषी दृष्टिकोण स्मार्ट मोबिलिटी एप्लीकेशन के लिए नेटवर्क सुरक्षा को मज़बूत करने के लिए डीप पैकेट इंस्पेक्शन (डीपीआई) और लार्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम) को जोड़ता है। सड़क किनारे की इकाइयों में लागू किए गए उनके समाधान ने साइबर खतरों का पता लगाने में 94% की प्रभावशाली सटीकता हासिल की, जिससे वाहन संचार नेटवर्क की सुरक्षा और लचीलापन बढ़ा।
टीम वैनगार्डियन्स की लीडर विशाखा भोसले ने कहा, “स्मार्ट मोबिलिटी समाधानों को तेज़ी से अपनाए जाने के बीच साइबर सुरक्षा पहले से कहीं ज़्यादा महत्वपूर्ण हो गई है। पारंपरिक सुरक्षा तंत्र वाहनों के नेटवर्क को लक्षित करने वाले परिष्कृत साइबर खतरों से निपटने के लिए काफी नहीं हैं। हमारा सिस्टम संचार के बाधित होने से पहले ही इंटरेस्ट फ्लडिंग हमलों को सक्रिय रूप से पहचानने और बेअसर करने के लिए डीप पैकेट इंस्पेक्शन और लार्ज लैंग्वेज मॉडल का लाभ उठाता है। इन खतरों का पता लगाने में 94% सटीकता दर हासिल करना हमारे दृष्टिकोण की प्रभावशीलता का प्रमाण है। केपीआईटी स्पार्कल 2025 में पुरस्कृत होना हमारे प्रयासों को मान्यता प्रदान करता है और हमें एआई-संचालित साइबर सुरक्षा की सीमाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है। हमारा लक्ष्य है, अपने समाधान को और बेहतर बनाना, वास्तविक समय के खतरे की प्रतिक्रिया तंत्र को एकीकृत करना और अंततः इस तकनीक को स्मार्ट परिवहन प्रणालियों में बड़े पैमाने पर लागू करना।“
इस बीच, औरंगाबाद के सीएसएमएसएस सीएचएच. शाहू कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग की विद्या कोल्हे, कार्तिक गीते, खुशी कुंभार और यशवंत सालुंके के नेतृत्व वाली टीम, एकलव्य को उम्मीद है कि निर्माण उद्योग में स्वायत्त निर्माण वाहन के साथ बदलाव आएगा, जिसे विभिन्न इलाकों में दक्षता से सामग्री परिवहन के लिए डिज़ाइन किया गया है। मून रोवर्स से प्रेरित, यह वाहन उच्च अनुकूलनशीलता, न्यूनतम मानवीय हस्तक्षेप और विभिन्न किस्म के मौसम में निर्बाध संचालन का दावा करता है, जो स्वचालन (ऑटोमेशन) और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर प्रबंधन के लिहाज़ से बड़ी प्रगति है।
टीम एकलव्य की लीडर, विद्या कोल्हे ने कहा, “निर्माण उद्योग को मज़दूरों की कमी, उच्च लागत और सामग्री प्रबंधन से जुड़ी दिक्कतों से जूझना पड़ता है। हमारा ऑटोनॉमस परिवहन वाहन मैदानी से लेकर पहाड़ी इलाकों में निर्माण सामग्री को सटीकता और विश्वसनीयता के साथ निर्बाध रूप से ले जाकर ऐसी परेशानियों को दूर करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। पूर्ण स्वायत्तता के लिए निर्मित, यह वाहन विभिन्न मौसम में काम करता है और इसमें एक सहज डैशबोर्ड है, जिससे यह गैर-तकनीकी कर्मियों के लिए उपयोग करना आसान हो जाता है। एआई-संचालित नेविगेशन सिस्टम वास्तविक समय में मार्ग समायोजन को सक्षम बनाता है, सामग्री के नुकसान को रोकते हुए डिलीवरी पथों को अनुकूलित करता है। यह नवोन्मेष निर्माण स्थलों से परे, गोदाम स्वचालन, शहरी यातायात प्रबंधन और अंतर-शहर माल परिवहन तक फैला हुआ है, जो स्मार्ट बुनियादी ढांचे के व्यापक परिदृश्य में योगदान देता है। निर्माण में देरी कम करने और समग्र साइट उत्पादकता बढ़ाने की अपनी क्षमता के साथ, यह प्रोजेक्ट स्वचालित लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति का प्रतिनिधित्व करता है।”
केपीआईटी स्पार्कल, भारत की सबसे बड़ी छात्र नवोन्मेष प्रतियोगिताओं में से एक है, जो इच्छुक छात्रों को अपने नवोन्मेष को प्रदर्शित करने के लिए मंच प्रदान करती है। पिछले 10 साल में 1,200 से अधिक संस्थानों के लगभग 1.2 लाख छात्रों ने केपीआईटी स्पार्कल में भाग लिया है। इस साल केपीआईटी स्पार्कल के 11वें संस्करण में 700 से अधिक कॉलेजों के 28,000 से अधिक छात्रों ने भाग लिया, जिसमें कई तरह की टेक्नोलॉजी से जुड़ी उन्नति और अभूतपूर्व नवोन्मेष का प्रदर्शन किया गया।