
JS University: फर्जीवाड़े में फंसी यूनिवर्सिटी की रद्द होगी मान्यता, जारी किया नोटिस; जमीन की भी हो रही जांच
विशाल समाचार संवाददाता फिरोजाबाद
फर्जी डिग्री प्रकरण में जेएस यूनिवर्सिटी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। अब यूनिवर्सिटी की मान्यता पर भी संकट मंडरा रहा है। वहीं दो एसडीएम समेत राजस्व विभाग की टीम ने यूनिवर्सिटी की भूमि की नापजोख शुरू कर दी। इधर, पुलिस ने भी केस दर्ज होने के बाद यूनिवर्सिटी को नोटिस थमाते हुए दो दिन में जवाब मांगा है।
शिकोहाबाद स्थित जेएस विश्वविद्यालय में बीपीएड की फर्जी डिग्री का मामला प्रकाश में आने के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने डॉ. सुकेश यादव के अन्य शिक्षण संस्थानों की जांच भी शुरू कर दी है। आगरा के अग्रवन हेरिटेज विश्वविद्यालय की जांच भी की जा रही है। इस विवि को भाजपा सरकार ने दो साल पहले मान्यता दी थी।
उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय का कहना है कि जेएस विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ. सुकेश सपा मुखिया के पार्टनर हैं। उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने अमर उजाला से बातचीत में बताया कि राजस्थान पुलिस के खुलासे के बाद डॉ. सुकेश यादव के संचालित शिक्षण संस्थान रडार पर आ गए हैं। शिकोहाबाद स्थित जेएस विश्वविद्यालय की मान्यता को रद्द करने की कार्रवाई की जा रही है। इसके लिए नोटिस जारी हो चुका है।
शिकोहाबाद स्थित जेएस विश्वविद्यालय में बीपीएड की फर्जी डिग्री का मामला प्रकाश में आने के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने डॉ. सुकेश यादव के अन्य शिक्षण संस्थानों की जांच भी शुरू कर दी है। आगरा के अग्रवन हेरिटेज विश्वविद्यालय की जांच भी की जा रही है। इस विवि को भाजपा सरकार ने दो साल पहले मान्यता दी थी।
उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय का कहना है कि जेएस विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ. सुकेश सपा मुखिया के पार्टनर हैं। उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने अमर उजाला से बातचीत में बताया कि राजस्थान पुलिस के खुलासे के बाद डॉ. सुकेश यादव के संचालित शिक्षण संस्थान रडार पर आ गए हैं। शिकोहाबाद स्थित जेएस विश्वविद्यालय की मान्यता को रद्द करने की कार्रवाई की जा रही है। इसके लिए नोटिस जारी हो चुका है।
यह था मामला
राजस्थान की शारीरिक शिक्षा अध्यापक भर्ती परीक्षा-2022 में चयनित अभ्यर्थियों की बीपीएड की डिग्री फर्जी पाए जाने के बाद राजस्थान पुलिस ने जेएस विवि के चांसलर डॉ. सुकेश और रजिस्ट्रार को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। 107 अभ्यर्थियों ने खुद को जेएस विवि से पासआउट दर्शाया था, जबकि विश्वविद्यालय की बीपीएड में 100 सीटों की ही मान्यता थी।
टीम ने शुरू की जांच
शिकोहाबाद की जेएस यूनिवर्सिटी के प्रकरण में दो एसडीएम समेत राजस्व विभाग की टीम ने भूमि की नापजोख शुरू कर दी। बुधवार को एसडीएम शिकोहाबाद के नेतृत्व में लेखपालों की टीम ने यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक भवन से लेकर सभी कैंपस की नापजोख की। बुधवार को एसडीएम शिकोहाबाद कृतिराज एवं एसडीएम शिवध्यान पांडेय के नेतृत्व में लेखपाल शिवांश मिश्रा, शरद दुबे, सैफल गुप्ता, कुलदीप सिंह, विजय कुमार, आशीष पाराशर, पवन शर्मा एवं रुस्तमपाल की टीम दोपहर 12 बजे करीब नक्शा लेकर यूनिवर्सिटी पहुंची। दोनों ही अधिकारियों ने प्रशासनिक भवन से लेकर पूरे कैंपस की नक्शे के हिसाब से नापजोख करवाई। इससे वहां बेचैनी का माहौल रहा।
ग्रामीणों से संवाद कर पुष्टि करने में जुटी टीम
सूत्रों के अनुसार टीम की जांच अनुसूचित जाति की भूमि पर जाकर अटक गई है। टीम ने कंथरी के ग्रामीणों से लेकर अन्य ग्रामीणों से जानकारी ली जा रही है। इस बात की जांच की जा रही है कि यूनिवर्सिटी निर्माण में नियमों एवं मानकों को पूरी किया गया है या नहीं।
टीम ने लेखपाल की भी शुरू की जांच
चर्चा इस बात की भी है कि तहसील शिकोहाबाद में तैनात लेखपाल अशोक यादव जेएस यूनिवर्सिटी में भी किसी पद पर तैनात थे। इस प्रकरण के सुर्खियों में आने के बाद से वह अवकाश पर हैं। जांच समिति ने उनकी भी फाइलों को खंगालना शुरू कर दिया है। जांच में कोई साक्ष्य हाथ लगने पर वह भी कार्रवाई की जद में आ सकते हैं।
दो दिन में देना होगा जवाब
जेएस यूनिवर्सिटी के फर्जी डिग्री प्रकरण में शिकोहाबाद थाने में केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने बुधवार को यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी कर दिया है। जिसमें दो दिन का समय देते हुए एग्रीकल्चर विभाग से पूरा ब्योरा मांगा है। जवाब न मिलने की स्थिति में आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। फर्जी डिग्री प्रकरण में जेएस यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति डॉ. सुकेश यादव, पीएस यादव, रजिस्ट्रार नंदन मिश्रा, डॉ. गौरव यादव एवं एग्रीकल्चर विभाग के प्रमुख एचओडी उमेश मिश्रा के खिलाफ बुलंदशहर जनपद के थाना डिबाई के माता मोहल्ला निवासी दीपांशू गिरी समेत छह विद्यार्थियों ने केस दर्ज कराया था। जिसमें पुलिस ने गंभीर धाराओं में केस दर्ज करने के बाद जांच की कार्रवाई शुरु कर दी थी।
बुधवार को थाना पुलिस ने वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों पर यूनिवर्सिटी के एग्रीकल्चर विभाग को नोटिस थमाया है। जिसमें पुलिस ने विभाग से एग्रीकल्चर की कब से मान्यता मिली है, कितनी सीटों की मान्यता है। जब से मान्यता मिली है, तब से लेकर अब तक कितने विद्यार्थियों को अंकतालिका जारी की गई है। इसके अलावा मान्यता से लेकर अब तक कितने विद्यार्थी एग्रीकल्चर विभाग में पंजीकृत हो चुके हैं, यह सभी ब्योरा मांगा है। नोटिस की प्रति यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक विभाग में एक प्रोफेसर को रिसीव कराई गई है। साथ ही नोटिस की एक अन्य प्रति यूनिवर्सिटी के बाहर चस्पा की गई है।
शिकोहाबाद के सीओ प्रवीण कुमार तिवारी ने बताया कि यूनिवर्सिटी के एग्रीकल्चर विभाग को नोटिस थमाया गया है। जिसमें आगामी 21 मार्च शाम पांच बजे तक का समय दिया गया है। विभाग पूरी सूचनाओं की प्रमाणित प्रति पुलिस को उपलब्ध कराएगा। अन्यथा की स्थिति में आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।