पूणे

प्रगतिशील महाराष्ट्र के निर्माण में ‘महाड’ सत्याग्रह का विशेष महत्व – एड. सुनील डोंगरे

प्रगतिशील महाराष्ट्र के निर्माण में ‘महाड’ सत्याग्रह का विशेष महत्व – एड. सुनील डोंगरे

बहुजन समाज पार्टी की ओर से महामानव डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर को श्रद्धांजलि

 

 पुणे:प्रगतिशील महाराष्ट्र और विशेष रूप से देश के निर्माण व सामाजिक सुधार में, महामानव भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा किए गए महाड चवदार तालाब सत्याग्रह का विशेष महत्व है। यह प्रतिपादन बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एड. सुनील डोंगरे ने गुरुवार (20 तारीख) को किया। अस्पृश्यों के लिए समानता के द्वार खोलने और पूरे विश्व में सामाजिक न्याय का संदेश देने वाला महाड चवदार तालाब सत्याग्रह केवल पानी के लिए नहीं था, बल्कि यह मानव मूलभूत अधिकारों के लिए था।

 

सामाजिक समानता और मानव अधिकारों के लिए बाबासाहेब द्वारा किए गए इस सत्याग्रह को 98 वर्ष पूरे हो चुके हैं। इस अवसर पर बसपा के प्रदेश अध्यक्ष एड. डोंगरे की प्रमुख उपस्थिति में पार्टी पदाधिकारियों ने महाड चवदार तालाब का दौरा कर महामानव को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान प्रदेश महासचिव मुकुंद सोनावणे, रामचंद्र जाधव, पुणे जिला प्रभारी महेश जगताप, मोहम्मद शफी, अनिल त्रिपाठी, कार्यकारिणी सदस्य किरण आल्हाड, एड. अशोक रामटेके, बालासाहेब हातागळे, प्रदेश सचिव राम सुमेर जैसवाल और राजपाल गवंडे प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

 

जाति व्यवस्था को चुनौती देते हुए डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने अस्पृश्यों के लिए यह तालाब खुलवाने के लिए बड़ा संघर्ष किया। महामानव के संघर्ष को आधार बनाकर “सर्वजन सुखाय, सर्वजन हिताय” के उद्देश्य से बसपा कार्यरत है, ऐसा कहते हुए एड. डोंगरे ने कहा कि चवदार तालाब सत्याग्रह के बाद डॉ. आंबेडकर को कानूनी मुकदमे का भी सामना करना पड़ा था। लेकिन बाबासाहेब ने यह लड़ाई जीती। उन्होंने कहा कि समतामूलक समाज के निर्माण के लिए आज भी शिक्षित होकर, संगठित होकर संघर्ष करने की जरूरत है।

 

“हम भी इंसान हैं” यह दुनिया को बताने के लिए किया गया संघर्ष अभी समाप्त नहीं हुआ है। इसलिए महाड सत्याग्रह का महत्व आज भी बरकरार है, ऐसा कहते हुए बसपा के प्रदेश महासचिव और पश्चिम महाराष्ट्र ज़ोन प्रभारी डॉ. हुलगेश चलवादी ने महाड चवदार तालाब सत्याग्रह दिवस के अवसर पर महामानव को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि बहुजनों को बसपा के नीले झंडे तले संगठित होकर संघर्ष करना होगा। शासन करने वाली जाति बनने के लिए बसपा के राजनीतिक आंदोलन को मजबूती देने का भी उन्होंने आह्वान किया।

 

 

 

 

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