
‘सौगात-ए-मोदी’ नहीं, रोजगार दो!:-बसपा महासचिव डॉ. हुलगेश चलवादी की अपील
पुणे :जो लोग आम तौर पर मुफ्त योजनाओं पर अन्य राजनीतिक दलों की नीतियों की आलोचना करते हैं, वे अब राजनीतिक लाभ के लिए मुस्लिम समुदाय को ईद के अवसर पर उपहार देने जा रहे हैं। लेकिन अल्पसंख्यकों को ‘सौगात-ए-मोदी’ नहीं चाहिए, बल्कि रोजगार चाहिए, ऐसी अपील बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश महासचिव और पश्चिम महाराष्ट्र ज़ोन के मुख्य प्रभारी डॉ. हुलगेश चलवादी ने गुरुवार (दिनांक 27) को की। देशभर में बड़े-बड़े इवेंट आयोजित कर खाद्य सामग्री, कपड़े, सेवईं, खजूर, सूखे मेवे, चीनी, महिलाओं के लिए सलवार-सूट और पुरुषों के लिए कुर्ता-पायजामा का कपड़ा वितरित किया जाएगा।
इन कार्यक्रमों के माध्यम से सत्ताधारी पार्टी अल्पसंख्यकों और बहुजनों के प्रति अपनी झूठी सहानुभूति दिखाने और उनसे दिखावटी प्रेम जताने की कोशिश करेगी, ऐसा दावा डॉ. चलवादी ने किया। सत्ताधारी दल की अल्पसंख्यक इकाई के माध्यम से इस कार्यक्रम के जरिए समाज के विभिन्न वर्गों तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन केवल किट बांटने से कुछ नहीं होगा, बल्कि अल्पसंख्यकों और बहुजनों के प्रति मन में मौजूद भेदभाव और घृणा को दूर करना होगा, ऐसा मत डॉ. चलवादी ने व्यक्त किया।
देश की ‘आयरन लेडी’ और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री बहन मायावती जी ने भी सत्ताधारी दल की मंशा पर सवाल उठाया है। ईद, बैसाखी, गुड फ्राइडे और ईस्टर के अवसर पर 32 लाख गरीब अल्पसंख्यक परिवारों को ‘सौगात-ए-मोदी’ के रूप में प्रधानमंत्री का प्रेम संदेश और उपहार भेजने की घोषणा केवल राजनीतिक स्वार्थ के लिए की गई है, ऐसा मत बहन मायावती जी ने व्यक्त किया है। जब मुस्लिम और बहुजन समाज अपनी जान, संपत्ति और धर्म की सुरक्षा को लेकर चिंतित और दुखी हैं, तो ऐसे किट का क्या फायदा? ऐसा सवाल बहनजी ने उठाया है, ऐसा डॉ. चलवादी ने कहा।
भाजपा की केंद्र और राज्य सरकारों को मुस्लिम और अन्य अल्पसंख्यक गरीब परिवारों को ‘सौगात-ए-मोदी’ देने के बजाय गरीबी, बेरोजगारी और पिछड़ेपन को दूर करने के लिए स्थायी रोजगार की व्यवस्था करनी चाहिए थी और उनकी सुरक्षा पर उचित ध्यान देना चाहिए था, तो यह ज्यादा बेहतर होता, ऐसी बसपा की स्पष्ट भूमिका है, यह जानकारी डॉ. चलवादी जी ने दी।