
‘महायुति’ द्वारा राज्य की नारीशक्ति का अपमान – डॉ. हुलगेश चलवादी
‘प्रिय बहनों’ को विश्वासघाती सरकार को सबक सिखाना चाहिए
पुणे:महंगाई से त्रस्त मध्यमवर्गीय और गरीब परिवारों की बहनों को ‘प्रिय बहन योजना’ के तहत 2100 रुपये देने का झूठा वादा कर सत्ता में आई महायुति सरकार ने राज्य की ‘नारीशक्ति’ का अपमान किया है। ऐसा दावा बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश महासचिव और पश्चिम महाराष्ट्र ज़ोन प्रमुख डॉ. हुलगेश चलवादी ने रविवार (दिनांक 30) को किया। सरकारी खजाने में धन की कमी होने की जानकारी पहले से ही महायुति के घटक दल—भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और राष्ट्रवादी कांग्रेस (अजित पवार गुट) को थी। पिछले दस वर्षों में राज्य सरकार द्वारा लिए गए कर्ज़ का बोझ अब 7,82,991 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। इसके बावजूद, महायुति ने 2100 रुपये देने का झूठा वादा कर बहनों को गुमराह किया है, ऐसा आरोप डॉ. चलवादी ने लगाया।
अब तक यह राशि प्रिय बहनों को कब मिलेगी, इसकी कोई गारंटी नहीं है। बहुजन समाज के साथ इसी तरह से पारंपरिक राजनीतिक दलों द्वारा लगातार विश्वासघात किया जाता रहा है। शोषित, पीड़ित, उपेक्षित और वंचित समाज की भावनाओं से खेलकर उन्हें सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल किया गया है। अब ऐसे दलों को सबक सिखाने का समय आ गया है। आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में ‘नारीशक्ति’ का अपमान करने वालों को बाहर का रास्ता दिखाएं, ऐसा आह्वान डॉ. चलवादी ने किया। महायुति को उनके राजनीतिक पराजय की ‘ओवाळणी’ (सजा) प्रिय बहनें देंगी, ऐसा विश्वास डॉ. चलवादी ने व्यक्त किया।
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि जब तक राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं होती, तब तक महिलाओं को 2100 रुपये नहीं दिए जा सकते। लेकिन, जब राज्य पहले से ही भारी कर्ज़ में डूबा है, तो यह स्थिति कब मजबूत होगी? ऐसा सवाल डॉ. चलवादी ने उठाया। विधान परिषद की उपसभापति और शिवसेना नेत्री नीलम गोऱ्हे ने भी कहा कि 2100 रुपये की बढ़ी हुई राशि देने के लिए सरकार को और पांच साल लगेंगे। यह एक बेहद आपत्तिजनक बयान है। गरीब महिलाओं की भावनाओं से खेलकर सरकार असंतोष को जन्म दे रही है। महायुति सरकार ने नारीशक्ति को धोखा दिया है। इसलिए, ‘प्रिय बहनों’ से किया गया वादा सरकार को तुरंत पूरा करना चाहिए, ऐसा आग्रह डॉ. चलवादी ने किया।