शिक्षणपूणे

निकमार विश्वविद्यालय में पूर्व छात्र सम्मेलन में जुटे ३०० से अधिक पूर्व छात्र

निकमार विश्वविद्यालय में पूर्व छात्र सम्मेलन में जुटे ३०० से अधिक पूर्व छात्र

५० देशों से पधारे पूर्व छात्रों ने साझा किए अनुभव

उन्होंने कहा: आज जो कुछ भी हूँ, वह निकमार से मिली शिक्षा की वजह से

 

 

पुणे: पूर्व छात्र सम्मेलन केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि अतीत की यादों को ताज़ा करने का अवसर है. इसी को ध्यान में रखते हुए निकमार विश्वविद्यालय ने एसोसिएशन ऑफ़ ग्लोबल निकमारियंस (अग्नि) के साथ मिलकर एस्पायर २.० – ग्लोबल एलुमिनाई मीट २०२५ का आयोजन किया। इस सम्मेलन में ५० से अधिक देशों में कार्यरत निकमार विश्वविद्यालय के ३०० से अधिक पूर्व छात्र शामिल हुए. दुबई, कतार सहित मध्य-पूर्व, उत्तरी अमेरिका की विभिन्न बडी कंपनियों में ऊँचे पदों पर आसीन छात्र यहाँ मौजूद थे. साथ ही एलएंडटी, एसपीसीएल, एचसीसी, सीबीआरई, हिल्टी, केईसी इंटरनेशल, अल-ताएर ग्रुप के अलावा अन्य बड़ी देशी-विदेशी कंपनियों में यह छात्र अपनी सेवा दे रहे हैं. इस सम्मेलन में निकमार विश्वविद्यालय के पूर्व महानिदेशक डॉ. मंगेश कोरगांवकर बतौर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे. साथ ही निकमार विवि के अध्यक्ष एवं कुलाधिपति डॉ. अनिल कश्यप, कुलपति डॉ. सुषमा कुलकर्णी, डॉ. जनार्दन कोनेर (डीन, सीएसआईएएआर) एवं डॉ. वंदना भावसार (प्रमुख, एलुमिनाई रिलेशंस) उपस्थित थे.

 

पूर्व छात्रों ने कहा कि, निकमार में प्राप्त शिक्षा, संस्कार और आचरण से मानवीय एवं तकनीकी गुणों का विकास होता है. आज जो भी हम हैं, वह यहां से मिले शिक्षा के कारण ही है. साथ ही पूर्व छात्र-छात्राओं ने विश्वविद्यालय के वर्तमान छात्रों को सफल होने के गुर बताए. अपने विद्यार्थी जीवन की अनुभव साझा किए. वहीं बच्चों को सफल होने के तरीके बताते हुए उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी. इस सम्मेलन ने एक ऐसा ही अनूठा अनुभव प्रदान किया, जहां छात्र अपने शिक्षण संस्थान की समृद्ध परंपराओं और उन अनमोल संबंधों को फिर से जीवंत कर पाए.

डॉ. मंगेश कोरगांवकर ने कहा, मुझे बहुत खुशी है कि जिस निकमार संस्थान का बीज हमने बोया था, आज वही विश्वविद्यालय वट वृक्ष बन गया है. हमने पूर्व छात्रों के सहयोग से छात्र विकास के लिए एक नई परियोजना शुरू की है, जिससे उनका सर्वांगीण विकास होगा. देश की आर्थिक विकास के लिए यहां के छात्र दुनिया के हर कोने में वैश्विक स्तर पर अपनी सेवाएं दे रहे है. साथ ही यहां के छात्र दुनिया में हो रहे बदलावों को देश में लागू कर देश के आर्थिक विकास में योगदान दे रहे है.

 

डॉ. अनिल कश्यप ने कहा, इस विश्वविद्यालय के ४० हजार से अधिक छात्र दुनिया ५० से अधिक देशों में उंचे पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे है. हम यहां के छात्रों को १०० प्रतिशत रोजगार देने में सक्षम है. इसका मुख्य कारण यह है कि हम स्किल्ड मैनपॉवर तैयार करते हैं.

 

डॉ. सुषमा कुलकर्णी ने कहा, यहां के छात्र ही हमारे सबसे बड़े ब्रांड एम्बेसेडर है. अग्नि नामक एलुमिनाई एसोसिएशन के माध्यम से हम सभी छात्रों को एक दूसरे से जोड़ने का एवं उनके उन्नति के लिए काम कर रहे है. कार्यक्रम के अंत में डॉ. वंदना भावसार ने सभी का आभार माना.

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