
‘जॉली मोरे, सीमा पाटिल और उनके साथी उनके गायन से मंत्रमुग्ध हो गए
पुणे: बाबासाहेब अम्बेडकर सांस्कृतिक महोत्सव समिति, पुणे और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) द्वारा जागर संविधान की इस पहल के तहत विश्वभूषण डॉ. छत्रपति शिवाजी महाराज, प्रियदर्शी सम्राट अशोक, महात्मा ज्योतिबा फुले और विश्वभूषण डॉ. बाबा साहब अंबेडकर की जयंती के अवसर पर संयुक्त जयंती महोत्सव मनाया जा रहा है। इस पहल के तहत आज बोपोडी में एक भव्य संगीत कार्यक्रम और शाहिरी जलसा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में पुणे के अम्बेडकर प्रेमियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में प्रस्तुत प्रत्येक मधुर एवं उच्च कोटि के बुद्ध-भीमगीता एवं पोवाड़ा को उपस्थित लोगों ने खूब सराहा।
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के राज्य संगठन सचिव परशुराम वाडेकर, पूर्व उप महापौर सुनीता वाडेकर की पहल पर, बहुजन महानायक की स्मृति में वी द पीपल ग्रुप का यह शाहिरी जलसा कार्यक्रम बोपोडी में आयोजित किया गया था। इस अवसर पर सुप्रसिद्ध गायिका एवं अभिनेत्री सीमा पाटिल तथा भीमगीत के लिए विख्यात जॉली मोरे की टीम ने एक से बढ़कर एक गुणवत्तापूर्ण एवं मधुर गीत प्रस्तुत किए। यह देखा गया कि उपस्थित अंबेडकर प्रेमी लोग सीमा पाटिल की प्रस्तुति से सचमुच अभिभूत थे। सीमा पाटिल ने जीजाइचा तो शिवा और भीमाइचा तो भीमा गीत से श्रोताओं के दिलों को छू लिया। सीमा पाटिल ने अपनी गीता के माध्यम से बुद्ध धम्म की यात्रा का बहुत ही सुन्दर वर्णन किया है, साथ ही उन्होंने भगवान गौतम बुद्ध से लेकर सम्राट अशोक, छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा फुले, छत्रपति शाहू महाराज और डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर जैसे सभी बहुजन महानायकों के महान कार्यों को संगठित करने की यात्रा का भी वर्णन किया है। कार्यक्रम में भगवान गौतम बुद्ध को मारने आया अंगुलिमाल और सम्राट अशोक ने कैसे उनका मन बदला, इसे गीत और नाटक के माध्यम से प्रस्तुत किया गया।