बिहार सरकार के पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी यूपी में फूलन देवी की मूर्ति लगाने की घोषणा के बाद से चर्चा का विषय बने हुए हैं। यूपी में भले ही वह मूर्ति नहीं लगवा सके लेकिन इसे लेकर भाजपा के साथ उनकी खटपट बढ़ गई है। बिहार में एनडीए की बैठक के बहिष्कार ने मामले को गरमा दिया। वह बीजेपी के निशाने पर आ गए। इस बीच अचानक वह दिल्ली पहुंच गए हैं। चर्चा है कि वे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने पहुंचे हैं।
भाजपा के खिलाफ नाराजगी महंगी पड़ रही?
वाराणसी और लखनऊ सहित उत्तर प्रदेश के 18 शहरों में फूलन देवी की मूर्तियां लगाने से रोके जाने पर सहनी यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से खफा हो गए। इस पर बिहार भाजपा के नेताओं ने जब योगी के समर्थन में बयान दिए तो उनका गुस्सा और भड़क गया।
भाजपा से नाराज सहनी ने बिहार में एनडीए विधान मंडल दल की बैठक का बहिष्कार कर दिया था और प्रेस कान्फ्रेंस कर अपनी नाराजगी का इजहार किया था। उन्होंने अपने चार विधायकों को भी उस बैठक में जाने से रोक दिया था। इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद और जीतन राम मांझी समेत गठबंधन के बाकी तीन सहयोगी दलों के बड़े नेता मौजूद थे। सहनी के इस फैसले पर जब उनके ही दो विधायकों ने सवाल उठा दिया तो उनकी चिंता बढ़ गई। अब वे कह रहे हैं कि पर्दे के पीछे से उनके विधायकों को तोड़ने की कोशिश हो रही है।
जदयू से भी सहनी पर हमले
बीजेपी ही नहीं जदयू की तरफ से भी सहनी पर हमले शुरू हो गए हैं। जदयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ने कहा था कि सहनी का हाल चिराग पासवान जैसा हो सकता है। मुजफ्फरपुर से भाजपा के सांसद ने भी कहा था कि सहनी के आने-जाने से एनडीए पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। इधर, विपक्षी दलों के नेता आत्मसम्मान की दुहाई देकर सहनी को एनडीए छोड़ने के लिए ललकारने लगे हैं। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने सहनी को अपनी तरफ आने का इशारा किया है। कांग्रेस और राजद के कई नेताओं की तरफ से भी ऐसे बयान आए हैं।