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ई-कामर्स में विदेशी कंपनियों की नापाक घुसपैठ के ख़िलाफ़ कैट का भारत व्यापार क्रांति रथ 15 नवंबर से पुरे देश भर घुमाया जाएगा


ई -कामर्स विदेशी व्यापारियों सुधर जाओ,वश सहन शक्ति समाप्त हुई,
अव करलो तैयारी घर जाने की वापसी …!

ई-कामर्स में विदेशी कंपनियों की नापाक घुसपैठ के ख़िलाफ़ कैट का भारत व्यापार क्रांति रथ 15 नवंबर से पुरे देश भर घुमाया जाएगा

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महाराष्ट्र:नागपुर – ई कॉमर्स में बड़ी विदेशी कंपनियों की नापाक घुसपैठ को देश के ई कॉमर्स एवं रिटेल व्यापार के लिए एक नासूर बताते हुए देश भर के प्रमुख व्यापारी नेताओं ने गत 30 सितम्बर एवं 1 अक्टूबर को वाराणसी में कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) की राष्ट्रीय गवर्निंग कॉउंसिल की एक बैठक में पारित एक सर्वसम्मत प्रस्ताव में कहा की विदेशी कंपनियां देश के नियमों एवं कानूनों का खुला उल्लंघन कर रही है लेकिन किसी भी सरकारी विभाग ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है, जो बेहद शर्मनाक है ।प्रस्तावित नियम तो बना दिए लेकिन उन्हें चर्चा और विचार से आगे बढ़ाया ही नहीं जा रहा है जिससे यह साफ़ प्रतीत होता है कहीं न कहीं कोई दबाव सरकार पर काम कर रहा है जबकि रोज इन विदेशी कंपनियों की अस्वस्थ व्यापारिक पद्धतियों से देश के व्यापारी विकट स्तिथि का सामना कर रहे हैं। प्रस्ताव में कहा गया है

की ऐसा लगता है देश के व्यापारियों की जगह विदेशी कंपनियों की चिंता ज्यादा हो रही है जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण नीति आयोग द्वारा उठाई गई निरर्थक आपातियाँ हैं। इस दो दिवसीय मीटिंग में देश के 28 राज्यों के 152 प्रमुख व्यापारी नेता शामिल हुए।उसी मीटिंग मै महाराष्ट्र कुछ प्रमुख व्यापारी प्रतीनीधी भी थे।महाराष्ट्र संयुक्त महामंत्री सचिनभाऊ निवंगुणे, मुंबई महानगर अध्यक्ष सुरेश ठक्कर,नागपुर महीला प्रतीनीधी ज्योती अवस्थी, महाराष्ट्र उपाध्यक्ष सुरेश ठक्कर, मुंबई महानगर से महीला प्रतीनीधी पूर्णिमा शिरसकर और अनुजा मॅम वरीष्ठ उपाध्यक्ष किर्ती राणा, अमर कारीया, उपस्थित थे।

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की बैठक में पारित एक अन्य सर्वसम्मत प्रस्ताव में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से आग्रह किया गया है की आगामी 10 नवम्बर से पहले उपभोक्ता क़ानून में प्रस्तावित नियम विदेशी कंपनियों को चोर दरवाजा दिए बिना लागू किये जाएँ अन्यथा मजबूर होकर देश के व्यापारियों को एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन छेड़ना पड़ेगा। प्रस्ताव में यह भी कहा गया की बड़ी विदेशी कंपनियां सरे आम 2015 से ई कॉमर्स नियम एवं नीति का खुला उल्लंघन कर रही हैं, जीएसटी कर की वंचना कर रही हैं , उनके खाते अनेक प्रकार की अनियमितताओं से भरे पड़े हैं और अनेक बार शिकायतें करने के बाद भी सभी आँखों पर पट्टी और कानों में रुई डाल कर बैठे हैं। बेहद आश्चर्य है की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आत्मनिर्भर भारत का आव्हान और छोटे व्यापारियों को सशक्त बनाने की बार बार अपील पर सरकार के किसी विभाग का कोई ध्यान नहीं है और देश का व्यापारी दुर्दशा के गड्डे में गिरा जा रहा है लेकिन न जाने किन कारणों के तहत इस खुली लूट पर कोई ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है।

 भरतिया एवं खंडेलवाल ने यह भी बताया की बैठक में यह भी निर्णय लिया गया की आगामी निकट समय में नवरात्रि, दिवाली सहित विभिन्न त्यौहारों को देखते हुए , यदि 10 नवम्बर तक नियम लागू नहीं होते हैं तो उसके तुरंत बाद देश भर में एक राष्ट्रीय अभियान छेड़ा जाएगा जिसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश से होगी।इस अभियान के अंतर्गत एक डिजिटल रथ ” भारत व्यापार क्रान्ति रथ ” के रूप में देश के सभी राज्यों के प्रत्येक जिलों , शहरों एवं गाँवों में चलाये जाएंगे और देश भर में यह बताया जाएगा की किस प्रकार बड़ी विदेशी कंपनियां देश के व्यापार एवं लघु उद्योग को अपना गुलाम बनाने की साज़िश रच रही है।
महाराष्ट्र के संयुक्त महामंत्री सचिनभाऊ निवंगुणे भी कहा की महीला संघटन का और युवा संघटन महाराष्ट्र के हर जिलों मै बनाया जाएगा। *डिजिटल रथ यात्रा* पुरे महाराष्ट्र के हर बाजारपेठ मै घुमाई जाएगी ।और किसी भी बाजार मै विदेशी कंपनियो को देश के कीसी भी छोटे व्यापार मे घुसपैठ करने नही देंगे।

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