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कटाक्ष
रश्मिरथी/प्रथम सर्ग/भाग 4, thelankadahan
‘पूछो मेरी जाति , शक्ति हो तो, मेरे भुजबल से’रवि-समान दीपित ललाट से और कवच-कुण्डल से,पढ़ो उसे जो झलक रहा…
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‘पूछो मेरी जाति , शक्ति हो तो, मेरे भुजबल से’रवि-समान दीपित ललाट से और कवच-कुण्डल से,पढ़ो उसे जो झलक रहा…
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