Attack on Judge: घोघरडीहा थाना प्रभारी को झंझारपुर कोर्ट में एडीजे प्रथम अविनाश कुमार ने हाजिर होने के लिए कहा था. इसी दौरान कोर्ट में ही कहासुनी होने लगी इसके बाद यह घटना हुई.
मधुबनी: बिहार में आम लोगों की बात छोड़ दें अब न्याय करने वाले कोर्ट के जज भी सुरक्षित नहीं हैं. मामला मधुबनी के झंझारपुर कोर्ट का है जहां दिनदहाड़े कोर्ट में ही घोघरडीहा थाना के प्रभारी और अन्य पुलिस के जवान ने एडीजे प्रथम अविनाश कुमार (ADJ Avinash Kumar) को पीट दिया. घटना गुरुवार दोपहर करीब 2 बजे के आसपास की है. इस घटना को लेकर जिलाधिकारी ने कहा कि उनके संज्ञान में यह मामला आया है. वह मीटिंग में थे. इस बारे में जांच करेंगे.
दरअसल, घोघरडीहा थाना प्रभारी को झंझारपुर कोर्ट (Jhanjharpur Court) में एडीजे प्रथम अविनाश कुमार ने कोर्ट में हाजिर होने के लिए कहा था. झंझारपुर कोर्ट के वरीय अधिवक्ता और बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष बलराम साहू और अरुण कुमार झा ने इस पूरे मामले में कहा कि अचानक दोनों पुलिस वाले कोर्ट में बने कार्यालय वाले कक्ष में घुसे और एडीजे प्रथम अविनाश कुमार के साथ गाली-गलौज करने लगे. दोनों पुलिस वालों की पहचान उनके नेम प्लेट से की गई है. एक घोघरडीहा थानाध्यक्ष गोपाल कृष्ण यादव और दूसरे सब-इंस्पेक्टर अभिमन्यु कुमार सिंह हैं.
हैसियत कैसे हो गई कि हमें बुलाते हो?’
चश्मदीद वकील ने आगे कहा कि पुलिस वाले जज साहब को कह रहे थे कि तुम्हारी हैसियत कैसे हो गई कि तुम हमें बुलाते हो? तुम्हारा पावर सीज हो गया है और तुम बेवजह सबको परेशान करते रहते हो. तुमको हम कुछ नहीं मानते हैं. यह कहते हुए अभिमन्यु कुमार सिंह ने जज पर हमला बोल दिया और थप्पड़ चलाने लगा. इस दौरान घोघरडीहा थानाध्यक्ष गोपाल कृष्ण यादव लगातार अभद्र गाली दे रहा था. उसने कहा कि तुमने एसपी साहेब को भी नोटिस भेजकर परेशान किया है. आज तुम्हारा सब एडीजे निकाल देंगे. थानाध्यक्ष ने एडीजे प्रथम पर पिस्तौल तान रखी थी. सब-इंस्पेक्टर अभिमन्यु कुमार सिंह लगातार गाली दे रहा था.
बताया जाता है कि हंगामा देखकर इस बीच जब बाहर से वकील अंदर आए तो वो जज साहब को बचाने की कोशिश करने लगे. इस दौरान बचाने वाले वकीलों के साथ भी मारपीट की गई. जज साहब का अनुसेवक चंदन मार खाते हुए भी पिस्तौल छीनने में कामयाब हुआ. उसके बाद दोनों पुलिस वालों को पकड़ लिया गया. घटना के बाद जज अविनाश कांप रहे थे. झंझारपुर कोर्ट के वकीलों ने पुलिस द्वारा किए गए इस व्यवहार को लेकर सुरक्षा की मांग कर रहे हैं.
(जब पुलिस वाले जिला स्तरीय CM का आदेश को लात मार देते है। , पुलिस का यूपी का उदाहरण है। साबूत भी नही मानते
सिर्फ मुल्जिम बचाओ और पैसा कमाओ ..?)