सकारात्मक बातों को बीजों की तरह फैलाइये -सुधा भदौरिया
*सकारात्मक बातों को बीजों की तरह फैलाइये क्योंकि बीज कितना भी छोटा क्यों न हो अनुकूल मिट्टी पाकर वह अपनी शक्ति दिखा ही देंगे।।
“बिखरने के तो लाख बहानें मिल जायेंगे,
आइये हम सभी जन जुड़ने के अवसर ढूँढे़”।।
स्वाभिमानी हुं, अंहकारी नहीं,
परिस्थितियों से कभी हारा नहीं !!
दर्पण जैसा दिल रखता हुं,
छल कपट झुठी अदाकारी नहीं !!
यूँ ही न अपने मिजाज को, चिड़चिड़ा कीजिये
कोई बात छोटी करे, तो आप दिल बड़ा कीजिये !!
“कल्पना के बाद उस पर*
*अमल ज़रूर करना चाहिए, सीढ़ियों को देखते रहना ही पर्याप्त नहीं है , उन पर चढ़ना भी ज़रूरी है”*
जो जीवन में उड़ने का शौक़ रखते हैं, वो कभी भी गिरने का ख़ौफ़ नहीं रखते,
महादेव के सच्चे भक्त आत्मविश्वास से आगे बढ़ते हैं, पीछे मुड़ के नहीं देखते।
जीवन कितना ही कठिन क्यों ना लगे, आप हमेशा कुछ ना कुछ कर सकते हैं और उसमें सफल हो सकते हैं”
‘प्रसन्न वो हैं जो अपना मूल्यांकन “स्वयं” करते रहते हैं और परेशान वो हैं जो दुसरो का मूल्यांकन करते रहते हैं..!!
“यदि सुबह नींद खुलते ही आप किसी लक्ष्य को लेकर उत्साहित नहीं हैं, तो आप जी नहीं रहे हैं, सिर्फ़ जीवन काट रहे हैं”
अपनी
सुधा भदौरिया
ग्वालियर मध्यप्रदेश