*कोई सुकून तो कोई अपनी जिंदगानी में घमासान रखता है..!*
*हर किसी को वो मिलता जैसी वो मुॅंह में ज़ुबान रखता है..!*
*यूॅं ही नहीं बसते हैं ये राम कृष्ण महावीर लोगों के दिलों में..!*
*धिक्करा तो सदा वो गया हैं जो किरदार कंस व रावण रखता है..!*
*गिरी हुई सोच से किसे आज तक मुकम्मल सम्मान मिला है..!*
*सोच में लोच रखता वो समाज में मुकम्मल स्थान रखता है..!*
*शब्दों में कशिश रखी उसी ने तो सदा दिलों पर राज किया है..!*
*नज़रों से तो वो गिरा हैं जो ज़ुबां पर नुकिले बखान रखता है..!*
अपली विश्वासू
सुधा भदौरिया
लेखिका विशाल समाचार
ग्वालियर मध्यप्रदेश