*बना तदबीर से तक़दीर हाथों की लकीरों में मुकद्दर नहीं होते..!*
*मुश्किलों से लड़ आगे बढ़ बिना लड़े कोई सिकंदर नहीं होते..!*
*मशहूर हुए इतिहास की किताबों के नूर हुए उन्हें पढ़ ले जरा..!*
*ज़माने से हटकर किए बिना कोई कभी भी कलंदर नहीं होते..!*
*बुराई से अदावत अच्छाई से प्रीत शामिल रख ज़िंदगी में..!*
*कामयाबी चिरस्थाई तभी रही तब तक बुराई से ग़दर नहीं होते..!*
*ख़ुद को जलाया उसी ने उजाले का लुफ़्त उठाया हमनें ये जाना..!*
*धूप में जले बिन कभी भी ज़िंदगी में खुशनुमा मंज़र नहीं होते..!*
अपली विश्वासू
सुधा भदौरिया
लेखिका विशाल समाचार
ग्वालियर मध्यप्रदेश