रीवा

आयुर्वेद महाविद्यालय की कार्यकारी समिति में दो करोड़ 35 लाख के कार्यों की मंजूरी

आयुर्वेद महाविद्यालय की कार्यकारी समिति में दो करोड़ 35 लाख के कार्यों की मंजूरी
आयुर्वेद के शोध तथा आयुर्वेदिक औषधियों को बढ़ावा देने के प्रयास करें – कमिश्नर

रीवा एमपी:शासकीय आयुर्वेद स्वशासी महाविद्यालय की कार्यकारी समिति की बैठक कमिश्नर अनिल सुचारी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए दो करोड़ 35 लाख 92 हजार के प्रस्तावित विभिन्न कार्यों को मंजूरी दी गई। बैठक में गत वर्ष के आय-व्यय को भी मंजूरी दी गई। बैठक में कमिश्नर ने कहा कि आयुर्वेद उपचार की श्रेष्ठ विधा है। इसके स्वर्णप्राशन तथा पंचकर्म जैसी गतिविधियों का व्यापक प्रचार-प्रसार करें। आयुर्वेद के शोध को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त राशि आवंटित करके इस क्षेत्र में लगातार प्रयास करें। महिला स्वसहायता समूहों के माध्यम से औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण विकास विभाग के साथ मिलकर प्रयास करें। संभाग के सभी जिलों में बड़ी संख्या में औषधीय पौधे पाए जाते हैं। इनके उचित दोहन तथा औषधियों के रूप में उपयोग के लिए वन विभाग के सहयोग से कार्ययोजना बनाएं।
कमिश्नर ने कहा कि गत वर्ष की बैठक में जिन निर्माण कार्यों के लिए मंजूरी दी गई थी उनकी प्रगति की जानकारी प्रस्तुत करें। महाविद्यालय के लिए सीसीटीवी कैमरे तथा अन्य तकनीकी उपकरण क्रय करते समय तकनीकी विशेषज्ञों की अनुशंसा अवश्य लें। क्रय नियमों का कठोरता से पालन करते हुए सामग्री क्रय करें। महाविद्यालय के पास विभिन्न मदों में पर्याप्त राशि उपलब्ध है। इसका समुचित उपयोग करते हुए बाउन्ड्रीवॉल निर्माण तथा खेल मैदान निर्माण के कार्य प्रारंभ कराएं। महाविद्यालय परिसर के विकास के लिए किए जा रहे कार्यों का प्रतिवेदन नियमित रूप से समिति के समक्ष प्रस्तुत करें।

बैठक में कलेक्टर मनोज पुष्प ने कहा कि कार्यालय भवन के रंग-रोगन एवं मरम्मत के लिए प्रस्तावित बजट में राशि का प्रावधान कर तत्काल कार्य शुरू कराएं। पंचकर्म की सुविधा को आधुनिक बनाएं जिससे बड़ी संख्या में लोग इसका लाभ उठा सकें। महाविद्यालय के आय और व्यय पर कड़ा अनुशासन रखें। कलेक्टर ने महाविद्यालय में एनएसएस की गतिविधियां बढ़ाने का सुझाव दिया। बैठक में महाविद्यालय के प्राचार्य एवं डीन डॉ. दीपक कुलश्रेष्ठ ने बजट संबंधी विवरण तथा गत वर्ष किए गए आय-व्यय की जानकारी प्रस्तुत की। बैठक में रिसर्च लैब के लिए एक लाख रुपए, आयुष ग्राम योजना के लिए एक लाख रुपए, छात्रावास में सुविधाओं के विस्तार के लिए एक लाख रुपए, विभिन्न उपकरणों के क्रय के लिए 9 लाख रुपए, साफ-सफाई तथा विद्युत व्यवस्था के लिए 5 लाख 50 हजार रुपए, चिकित्सा उपकरणों के लिए 6 लाख रुपए तथा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 6 लाख रुपए की मंजूरी दी गई। बैठक में हर्बल गार्डन के विकास के लिए तीन लाख रुपए स्वीकृत किए गए। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी स्वप्निल वानखेड़े तथा कार्यककारी समिति के अन्य सदस्यगण उपस्थित रहे.

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