*आज विश्व स्वास्थ्य दिवस है.. मेरी नजर में स्वास्थ्य दो तरह का होता है.. एक शारीरिक स्वास्थ्य और दूसरा चारित्रिक स्वास्थ्य.. शारीरिक स्वास्थ्य अगर गड़बड़ है तो एक से बढ़कर एक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध है.. पर चारित्रिक स्वास्थ्य गड़बड़ा गया तो आज तक इसका इलाज संभव नहीं है.. ऐसे में हम तो इस दिवस बस यही कहेंगे साहब..*
*जो अपनों की नजर से गिरा तो फिर वह किधर जाएगा..!*
*अगर खुद्दार व जमीर वाला होगा तो जरूर बिखर जाएगा..!*
*चरित्र से बड़ी आज तक कोई जागीर नहीं हुई इस जमाने में..!*
*जिसको इस बात का संज्ञान है वो कामयाबी की डगर जाएगा..!*
*तुझे पाकर अपना क्या गैर भी खुद को मालामाल समझे..!*
*ये कशिश तेरे किरदार में तो हर नजर में तू ठहर जाएगा..!*
आपकी अपनी
सुधा भदौरिया
लेखिका विशाल समाचार
ग्वालियर मध्यप्रदेश