रामराज्य के लिए पंचशील सिध्दांतों का पालन करें
डॉ. भदंत राहुल बोधी महाथेरो की राय :रामेश्वर (रूई) में प्रभू श्रीरामचंद्र का जन्म समारोह
पुणे : अप्रैल: यदि सृष्टि पर रामराज्य निर्माण हुआ तो पूरी मानव जाति सुखी और संतुष्ट होगी. इसके लिए भगवान गौतम बुद्ध द्वारा बताए गए पंचशील सिध्दांतों का पालन करना चाहिए. भारतीय प्रणाली सबसे अच्छी है और सभी को इसका पालन करना चाहिए. यह राय महान दार्शनिक, विचारक और बौध्द धर्म के गहन अध्ययनकर्ता डॉ. भदंत राहुल बोधी महाथेरो ने रखी.
विश्वशांति केन्द्र (आलंदी), माईर्स एमआईटी, पुणे और रामेश्वर (रूई) गांववासियों की ओर से मानव तिर्थ के रूप में साकार हुए रामेश्वर (रूई) में प्रभू श्रीरामचंद्र जन्म उत्सव तथा श्री राम रथयात्रा का आयोजन किया गया था. इस मौके पर वे बतौर मुख्य अतिथि के रुप में बोल रहे थे.
इस समय लातूर के सांसद सुधाकर श्रृंगारे, विधायक रमेशअप्पा कराड, जाने माने वैज्ञानिक डॉ. विजय कुमार दास, विश्वशांति केन्द्र (आलंदी), माईर्स एमआईटी के संस्थापक अध्यक्ष प्रो.डॉ. विश्वनाथ दा. कराड, उषा विश्वनाथ कराड, उर्मिला विश्वनाथ कराड, हभप तुळशीराम दा. कराड, काशीराम दा. कराड, एमआइटी एडीटी युनिवर्सिटी के कार्याध्यक्ष प्रो. डॉ. मंगेश तु. कराड, कमाल राजेखाँ पटेल, प्रा.ज्योति कराड ढाकणे, डॉ. सुचित्रा कराड-नागरे, प्रा. सुनीता मंगेश कराड, डॉ. हनुमंत तु. कराड और राजेश काशीराम कराड मौजूद थे.
डॉ. भदंत राहुल बोधि महाथेरो ने कहा, पंचशील सिद्धांतों का पालन करते हुए आपकी वाणी बहुत मधुर होनी चाहिए. किसी भी वस्तूओं की चोरी नहीं करना चाहिए, किसी अन्य महिला को कुदृष्टी से नहीं देखे और अपने दिल को हमेशा शुद्ध रखना चाहिए. दया, क्षमा और करूणा मानव जीवन के उत्थान के लिए अति आवश्यक है. हालांकि हर धर्म की विचारधारा अलग अलग होती है, लेकिन यह मानव सुख, संतोष और शांति के लिए है. निर्मल हदय के डॉ. विश्वनाथ दा. कराड जो कार्य कर रहे है, वह पूरे विश्व के कल्याण के लिए है. वे आज इस गांव में जो परिवर्तन लाए हैं वह अद्वितीय है. रामनवमी का यह पर्व केवल उत्सव ही नहीं मानवता और एकता की एक मात्र मिसाल है.
डॉ. विजय कुमार दास ने कहा, भगवान श्रीराम मानवता के आदर्श हैं. इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को सबसे पहले मानवता के सर्वोत्तम धर्म को स्वीकार करना चाहिए. यदि यह धर्म अगली पीढी को पढाया जाए तो भविष्य में विश्व शांति आएगी. वर्तमान में विज्ञान और अध्यात्म को जोड दिया जाए तो मानव कल्याण होगा. मानवतावादी डॉ. विश्वनाथ कराड ने दुनिया का सबसे बडा गुम्बद बनाया है और पूरे ब्रम्हांड में शांति का संदेश देने का काम कर रहे है.
प्रो.डॉ. विश्वनाथ दा. कराड ने कहा, श्री राम जन्म समारोह समस्त मानव जाति के लिए सुख और शांति का संदेश है. लेकिन दुसरी ओर युध्द का प्रभाव बढ रहा है. वहीं, अमेरिका और रुस जैसे देशों ने जैविक हथियार विकसित कर लिए है. ताकि पूरी मानव जाति को नष्ट होने में देर नहीं लगेगी. इस दौरान संत ज्ञानेश्वर और तुकाराम महाराज के बताए मार्ग पर चलेंगे तो सब ठीक हो जाएगा. ज्ञान की भूमि कहे जाने वाले भारत से विश्व धर्म का संदेश पूरे विश्व में फैलेगा.
हभप बालयोगी हरिहर महाराज दिवेगावकर ने काल्या का कीर्तन में कहा, भगवान श्रीराम सभी गुणों से संपन्न थे. उन्होंने पूरे समाज के लिए एक मिसाल कायम की है. उनमें से एक को आत्मसात करके अभ्यास में लाना चाहिए. ज्ञान और भक्ति के मार्ग पर चलकर समाज में बढते दोषों को अंकुश लगाना चाहिए.
रामेश्वर रुई के श्री राम मंदिर से शुरू हुई यह श्री राम रथयात्रा गौतम बुध्द विहार पहुंचने पर बौध्द बंधुओं ने जोरदार स्वागत किया. इसके बाद जामा मस्जिद ओर जैनुद्दीन चिश्ती दरगाह के पास मुस्लिम भाईयों ने भी उनका स्वागत किया. पश्चात संत गोपालबुवा मंदिर से निकली इस रथ यात्रा ने गांव का चक्कर लगाते हुए राम मंदिर पर खत्म हुई.
इस रथ यात्रा में गांव के छोटों से लेकर बडे तक सभी ने बढ चढकर भाग लिया था. साथ ही स्कूली छात्राओं ने कलश लेकर सहभाग दर्शाया था.