सीतामढ़ी

जिला परिषद अध्यक्षा एवं जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में जिला बाल संरक्षण समिति एवं चाइल्डलाइन एडवाइजरी तथा बाल श्रम उन्मूलन विमुक्ति एवं पुनर्वास से संबंधित समीक्षकत्मक बैठक आयोजित

जिला परिषद अध्यक्षा एवं जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता
में जिला बाल संरक्षण समिति एवं चाइल्डलाइन एडवाइजरी तथा बाल श्रम उन्मूलन विमुक्ति एवं पुनर्वास से संबंधित समीक्षकत्मक बैठक आयोजित

सीतामढी बिहार: जिला परिषद अध्यक्षा अदिति कुमारी एवं जिला पदाधिकारी मनेश कुमार मीणा की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित परिचर्चा भवन में जिला बाल संरक्षण समिति एवं चाइल्डलाइन एडवाइजरी तथा बाल श्रम उन्मूलन विमुक्ति एवं पुनर्वास से संबंधित समीक्षकत्मक बैठक आयोजित की गई। जिसमें चिल्ड्रन इन स्ट्रीट सिचुएशन की पहचान संगठन एवं पुनर्वासन सुनिश्चित करना,कोविड-19 महामारी में मार्च 2020 के बाद माता-पिता को खोने वाले बच्चों की पहचान कर संरक्षण एवं पुनर्वासन सुनिश्चित करना, पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन योजना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, परवरिश योजना, बाल सहायता योजना, प्रखंड, पंचायत एवं वार्ड स्तर पर गठित बाल संरक्षण समिति की नियमित बैठक, कानूनी रूप से बच्चों को दत्तक ग्रहण करने हेतु प्रचार प्रसार, बाल देखरेख संस्थानों में प्रतिनियुक्ति एमबीबीएस डॉक्टर द्वारा नियमित रूप से भ्रमण करने के संबंध में एवं चाइल्डलाइन से संबंधित सभी मुद्दों पर समीक्षा की गई। समीक्षा के क्रम में चिल्ड्रन स्ट्रीट सिचुएशन की पहचान रेस्क्यू तथा पुनर्वास करने हेतु सभी संबंधित अधिकारी को निर्देश दिया गया, कोविड-19 के कारण अपने माता पिता को खोने वाले बच्चों की पहचान बाल कल्याण समिति में उपस्थित आपन तथा सरकार की विभिन्न योजनाओं से जोड़ने का आदेश दिया गया, तथा उसका रजिस्ट्रेशन एनसीपीसीआर द्वारा बनाए गए बाल स्वराज पोर्टल पर एंट्री करने हेतु निर्देश दिया गया, तथा नियमित अनुश्रवण एवं विद्यालय में नामांकन कराने हेतु सुनिश्चित करने का निर्देश भी संबंधित अधिकारी को दिया गया। साथ ही सिविल सर्जन एवं आपदा प्रभारी को मृत्यु के कारण की जांच करने एवं आपदा से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। इन बच्चों को भारत सरकार द्वारा संचालित पीएम केअर फॉर चिल्ड्रन योजना तथा बिहार सरकार द्वारा संचालित बाल सहायता योजना का लाभ देने हेतु व्यापक प्रचार प्रसार करने का निर्देश सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी बाल परियोजना पदाधिकारी अधिकारी को दिया गया। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना की समीक्षा के क्रम में सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि लंबित आवेदनों का पंचायतवार सूची बनाकर जांच कर शत प्रतिशत लाभुकों को भुगतान यथाशीघ्र करना सुनिश्चित करें। परवरिश योजना के समीक्षा के क्रम में सभी सीडीपीओ को योजना के पात्र लाभुक यथा अनाथ, बेसहारा, एचआईवी प्रभावित, कुष्ठ प्रभावित, बच्चों की पहचान कर अधिक से अधिक इसका लाभ दिलाने के लिए निर्देश दिया गया। विभागीय निर्देशानुसार सभी प्रखंडों पंचायतों तथा वार्ड में बाल संरक्षण समिति की नियमित बैठक कर बाल विवाह,बाल श्रम, बच्चों के लिए संचालन योजनाओं का प्रचार प्रसार करने तथा बाल विवाह एवं बाल श्रम के मामले में अब तक किए गए कार्यों का प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं सीडीपीओ को दिया गया दिया गया। 0 से 6 वर्ष के या उससे अधिक बड़े अनाथ बेसाहारा बच्चों के अवैध गोद दिए जाने को रोकने तथा कानूनी रूप से ही बच्चों को वेबसाइट www.cara.nic.in से गोद लेने हेतु अपने अपने प्रखंडों में प्रचार प्रचार करने का निर्देश दिया गया। बाल देखरेख संस्थानों में एमबीबीएस डॉक्टर का सप्ताह में 3 दिन नियमित रूप से भ्रमण सुनिश्चित कराने का निर्देश सिविल सर्जन को दिया गया। बाल विवाह के मामले में बाल विवाह अधिनियम के तहत नामित बाल विवाह निषेध पदाधिकारी (अनुमंडल पदाधिकारी) तथा सहायक बाल विकास निषेध पदाधिकारी (प्रखंड विकास पदाधिकारी) एवं नोडल पदाधिकारी (सीडीपीओ) एवं संयोजक कार्यालय महिला एवं बाल विकास निगम को बाल विवाह के मामले में त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया। सभी विद्यालयों, आंगनबाड़ी केंद्रों, बस स्टॉप, रेलवे स्टेशन, बाजार, थाना इत्यादि अन्य जगहों पर चाइल्ड लाइन का टोल फ्री नंबर 1098 का व्यापक प्रचार प्रसार करने का निर्देश दिया गया। सभी थानों में नामित बालकल्याण पुलिस पदाधिकारी का नाम एवं मोबाइल नंबर थानों में प्रकाशित करने का निर्देश दिया गया। वही बाल श्रम के रोकथाम हेतु समीक्षा के क्रम में जिला पदाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर बाल श्रम उन्मूलन हेतु व्यापक जागरूकता एवं प्रचार-प्रसार का कार्यक्रम किया जाए ताकि पूरे जिले को बाल श्रम मुक्त बनाया जा सके। रेस्क्यू अभियान चलाया जाए बाल श्रम से विमुक्त बालकों को विभिन्न सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाए तथा विद्यालयों में नामांकन कराना सुनिश्चित करें। विमुक्त बाल श्रमिकों को मुख्यमंत्री राहत कोष योजना से 25000 रुपये की राशि दिलाने के कार्य को तेजी लाएं बाल श्रमिकों को नियोजित करने वाले इकाइयों पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए कार्रवाई करना सुनिश्चित करें तथा चिल्ड्रेन इन स्ट्रीट सिचुएशन वाले बालकों के अधिक संख्या में पाए जाने पाए जाने वाले स्थानों एवं हॉटस्पॉट को चिन्हित कर उसकी सूची बाल संरक्षण को उपलब्ध कराएं तथा धावा दल द्वारा लगातार रेस्क्यू करें। वही श्रम अधीक्षक द्वारा बताया गया कि प्रत्येक प्रखंड में बुधवार और शुक्रवार को धावा दल द्वारा बाल श्रम को लेकर रेस्क्यू किया जाता है जिस पर जिला पदाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि प्रखंड स्तरीय टास्क फोर्स और बाल संरक्षण समिति नियमित बैठक कर इसका प्रचार प्रसार करना सुनिश्चित करें बैठक के अंत में जिला पदाधिकारी द्वारा सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को जीवन प्रमाणीकरण एवं यूडी आईडी के बारे में अग्रेतर कार्रवाई करते हुए प्रगति प्रतिवेदन मुख्यालय को उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया गया। उक्त बैठक में उप विकास आयुक्त विनय कुमार,सिविल सर्जन, डीएससी मुख्यालय राम कृष्णा, राकेश रंजन, जिला शिक्षा पदाधिकारी अवधेश कुमार सिंह, जिला आपदा प्रभारी अविनाश कुमार, जिला विकास प्रशाखा प्रभारी पदाधिकारी विजय कुमार पांडे, एसएसबी 51वी एवं 20वी बटालियन के कमांडेंट, श्रम अधीक्षक राकेश रंजन,अग्रणी बैंक प्रबंधक लाल बाबू पासवान, के साथ सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित थे।

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