सीतामढ़ी

प्रवर्तन पदाधिकरी, DPC, आयुष्मान योजना, csc जिला प्रबंधक, सीतामढी श्रम संसाधन विभाग के तहत् संचालित सभी योजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित की गई

प्रवर्तन पदाधिकरी, DPC, आयुष्मान योजना, csc जिला प्रबंधक, सीतामढी श्रम संसाधन विभाग के तहत् संचालित सभी योजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित की गई

सीतामढी बिहार: जिला पदाधिकारी मनेश कुमार मीणा की अध्यक्षता में उप विकास आयुक्त,श्रम अधीक्षक, सहायक निदेशक, बाल संरक्षण इकाई,सभी श्रम प्रवर्तन पदाधिकरी, DPC, आयुष्मान योजना, csc जिला प्रबंधक, सीतामढी श्रम संसाधन विभाग के तहत् संचालित सभी योजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित को गई। जिसमे बिहार शताब्दी असंगठित कार्य क्षेत्र कामगार एवम शिल्पकार सामाजिक सुरक्षा योजना, के अंतर्गत स्वाभिक और दुर्घटना मृत्यु योजना, आंशिक और पूर्ण विकलांगता का लाभ, बिहार राज्य प्रवासी दुर्घटना अनुदान योजना में मृत्यु, विकलांगता सहायता, विमुक्त कराए जा रहे बाल श्रमिकों का फिक्स डिपॉजिट योजना, प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना, ई-श्रम में निबंधन, में अधिक से अधिक असंगठित कामगारों को विभिन्न योजनाओं से अच्छादित करने के संबंध में बैठक किया गया।
जिसके संबंध में शर्म अधीक्षक के द्वारा बताया गया कि शताब्दी योजना से जिले के अबतक कुल 467 कामगार को लाभ दिया गया है वही प्रवासी योजना में अबतक कुल 36 प्रवासी कामगार को लाभ दिया गया है, अबतक कुल 48 बाल श्रमिकों का फिक्स डिपॉजिट किया है, आज तक मानधन पेंशन योजना में 10644 श्रमिकों का निबंधन किया गया है वही ई-श्रम में कुल 855958 श्रमिकों का निबंधन किया गया है। मानधन पेंशन योजना के लिए 18 से 40 वर्ष की आयु के सभी असंगठित कामगार अपना आधार कार्ड, बैंक खाता, तथा प्रथम किस्त की नगद राशि लेकर अपने नजदीकी वसुधा केंद्र (कॉमन सर्विस सेंटर) पर जाकर बनवा सकते हैं।
60 वर्ष की आयु पूरी करने के पश्चात न्यूनतम 3000 रुपये प्रतिमाह पेंशन की राशि उन्हें जीवन भर मिलेगी ।
ई-श्रम में निबंधन खुद से ऑनलाइन या नजदीकी csc सेंटर पर निबंधन किया जा सकता हैं। निबंधन के संबंध में किसी भी समस्या के लिए csc के जिला प्रबंधक के मोबाइल नंबर पर संपर्क कर सकते हैं 7301573159, 9850767990, 7004531568
जिला पदाधिकरी, द्वारा सभी उपस्थित पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया श्रम संसाधन विभाग, बिहार सरकार और श्रम एवं रोजगार मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा संचालित सभी योजना समाज के असंगठित क्षेत्रों में कार्य करने वाले लाखों-करोड़ों कामगारों के वृद्धावस्था को ध्यान में रखकर बनाई गई है, क्योंकि एक कामगार की शारीरिक एवं मानसिक क्षमता 60 वर्ष की आयु के पश्चात कम हो जाती है जिसकी वजह से उनकी उपार्जन क्षमता भी घट जाती है ।
उनके बेटे और बेटियां भी शादी विवाह या कार्य करने हेतु घर से दूर चले जाते हैं तथा बुढ़ापे में कामगारों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ता है । असंगठित कामगारो के आश्रितों को जिससे न उनकी आर्थिक परेशानी दूर होगी बल्कि वे अपनी मूलभूत जरूरतों को भी आसानी से पूरा कर सकेंगे

उन्होंने उपस्थित सभी पदाधिकारियों को निदेशित किया की असंगठित कामगारों को विभाग द्वारा संचालित योजना का लाभ देना सुनिश्चित करें।

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