रवि शंकर शर्मा की रिपोर्ट !
दिनांक 30.12.2020 को माननीय उपमुख्य मंत्री द्वारा वाणिज्य-कर विभाग के कर संग्रहण की समीक्षा की गयी। समीक्षा बैठक के क्रम में राज्य कर आयुक्त-सह-सचिव डाॅ0 प्रतिमा द्वारा वाणिज्य-कर विभाग के उद्देष्य एवं कार्यों के संबंध में विस्तृत रुप से प्रस्तुतीकरण दिया गया। बिहार माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 लागू होने के पश्चात् विभाग के आई0टी0 के आधारभूत संरचनाओं में हुई उल्लेखनीय प्रगति के बारे में माननीय उपमुख्य मंत्री महोदय को जानकारी दी गयी। वाणिज्य-कर विभाग द्वारा जीएसटी के वैधानिक पहलुओं में समय-समय पर किये गये परिवर्तन के बारे में न केवल अपने पदाधिकारियों को प्रषिक्षित किया गया बल्कि विभाग के सभी अंचलों द्वारा विभिन्न करदाता समूहों के साथ बैठक करते हुए उन्हें भी जीएसटी के प्रति जागरुक किया गया। जीएसटी अधिनियम, 2017 के अन्तर्गत समय-समय पर किये गये संषोधनों की जानकारी विडीयो काॅन्फ्रेेंसिंग के माध्यम से कोरोना काल में भी विभाग के विभिन्न पदाधिकारियों एवं विभिन्न व्यवसायिक संगठनों को दी गयी।
वित्तीय वर्ष 2020-21 में विष्वव्यापी कोरोना महामारी के कारण किये गये लाॅक-डाॅउन से विभाग के न्यायिक कार्यों के निष्पादन में उत्पन्न कठिनाईयों को दूर करने हेतु टपतजनंस ीमंतपदह के आधार पर न्यायिक कार्य करने के लिए एक विभागीय गाईड-लाईन जारी की गयीे। इस अवधि में भी अनवरत न्यायिक कार्यों का निष्पादन जारी रहा। जिसके कारण भी राजस्व संग्रहण में वृद्धि हुई है।
कोरोना काल में माह अप्रैल एवं मई में पूर्ण लाॅक-डाॅउन एवं उसके पश्चात् आंषिक लाॅक-डाॅउन के कारण व्यवसायियों द्वारा माल के परिवहन हेतु ई-वे बिल के उपयोग में भारी गिरावट दर्ज की गयी। इसके कारण इन माहों में राजस्व संग्रहण पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। माह जून 2020 से ई-वे बिल के सम्व्यवहार में विगत वर्ष की तुलना में कुछ-कुछ सकारात्मक वृद्धि दर्ज किये जाने के कारण एवं विभागीय पदाधिकारियों द्वारा व्यवसायिक संगठनों को जीएसटी अधिनियम के अन्तर्गत समय-सीमा के अन्तर्गत विवरणी दाखिल करने हेतु जागरुक किये जाने के कारण, आर्थिक मंदी के बावजूद, माह अगस्त 2020 में पिछले वर्ष के अगस्त माह की तुलना में जीएसटी संग्रहण में 5ः की वृद्धि दर्ज की गयी और इसी तरह सितम्बर माह में 27ः तथा अक्टूबर माह में 44ः की वृद्धि दर्ज की गई है जो अत्यन्त ही सराहनीय है।
विभाग द्वारा जीएसटी के पूर्व के अधिनियमों के अन्तर्गत बकायों के वसूली के लिए एक मुष्त समाधान योजना लागू किया गया। कोरोना को ध्यान में रखते हुए इस योजना को और तीन माह के लिए बढ़ाया गया। इस योजना के अन्तर्गत कुल 31,117 आवेदनों का अन्तिम रुप से निष्पादन किया गया जिसके फलस्वरुप कुल रु0 323.47 करोड़ के राजस्व की प्राप्ति हुई।
माननीय उपमुख्य मंत्री महोदय द्वारा समीक्षोपरांत विभागीय पदाधिकारियों की सराहना की गयी, साथ ही यह निदेश दिया गया कि वित्तीय वर्ष के शेष बचे हुए माहों में निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति हेतु हर संभव प्रयास किया जाय।