रवि शंकर शर्मा की रिपोर्ट !
पटना, 01 जनवरी 2021:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिवालय स्थित कार्यालय कक्ष में बिहार सरकार के सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग द्वारा प्रकाशित बिहार डायरी 2021 एवं कैलेण्डर 2021 का लोकार्पण कर राज्य की जनता को समर्पित किया।
बिहार की ऐतिहासिक एवं सांस्.तिक विरासत काफी समृद्ध है। यह भूमि विभिन्न सभ्यताओं के पुष्पित एवं पल्लवित होने का साक्षी है। इससे लोगों को अवगत कराने के मकसद से इस वर्ष के कैलेण्डर में बिहार के नव अन्वेषित पुरातात्विक स्थलों को दर्शाया गया है। कैलेण्डर के प्रथम पृष्ठ पर बिहार के चार प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में से एक तेल्हाड़ा विश्वविद्यालय, नालंदा के संदर्भ में उल्लेख किया गया है, जिसका कालखंड पहली से 12वीं सदी की है। कैलेण्डर के अलग-अलग पृष्ठ पर ई0पू0 छठी शताब्दी में निर्मित राजगीर का साइक्लोपियन वॉल, शेरशाह और राजा मानसिंह से जुड़ा रोहतासगढ़ (किला), 16वीं सदी में निर्मित रोहतास का शेरगढ़, मधुबनी का बलिराजगढ़, भारत में नदी घाटी से प्राप्त पहला नवपाषाण युगीन पुरास्थल चिरांद, सारण के विषय में जानकारी दी गयी है। इसके अलावा वैशाली में गंगा नदी के तट पर स्थित महत्वपूर्ण पुरास्थल चेचर, गंगा घाटी में पहाड़ी पर स्थित पहला उत्खनित बौद्ध बिहार ‘लखीसराय का लाल पहाड़ी’, गंगा और कर्मनाशा नदियों के संगम पर चैसा (बक्सर) में 12वीं एवं 13वीं सदी के पुरावशेषों को समेटे हुए ताम्रपाषाण युगीन पुरास्थल, वैशाली का विशालगढ़, भदरिया बांका एवं भागलपुर के गुवारीडीह में कोशी नदी के किनारे हाल ही में खोजा गया पुरास्थल का वर्णन किया गया है।
बिहार डायरी एवं कैलेण्डर के लोकार्पण के अवसर पर मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, सचिव सूचना एवं जन-सम्पर्क श्री अनुपम कुमार, निदेशक सूचना एवं जन-सम्पर्क श्री प्रदीप कुमार झा उपस्थित थे।
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