सूर्यदत्त इन्स्टिट्यूट ऑफ हेल्थ सायन्स कॉलेज ऑफ फिजिओथेरपी का
भारत के ५० उत्कृष्ट फ़िजिओथेरपी कॉलेजों की सूचि में समावेश
सूर्यदत्त इन्स्टिट्यूट ऑफ हेल्थ सायन्स कॉलेज ऑफ फिजिओथेरपी को
इंडियन इन्स्टिट्यूशनल रँकिंग फ्रेमवर्क द्वारा घोषित सूचि में महाराष्ट्र में सातवा, पश्चिमी विभाग में नववा और राष्ट्रिय स्तर पर ४६ वा स्थान
पुणे : सूर्यदत्त इन्स्टिट्यूट ऑफ हेल्थ सायन्स कॉलेज ऑफ फिजिओथेरपी को इंडियन इन्स्टिट्यूशनल रँकिंग फ्रेमवर्क द्वारा (आयआयआरएफ) घोषित किए सूचि में महाराष्ट्र में सातवा, पश्चिम विभाग में नौवा और राष्ट्रिय स्तर पर ४६ वा स्थान प्राप्त हुआ. ‘आयआयआरएफ’ द्वारा हाल ही में यह सूचि घोषित की गई. जिसमे देश भर के उत्कृष्ट फिजिओथेरपी कॉलेजो का समावेश है और यह सूची एज्युकेशन पोस्ट मॅगझीन में प्रसिद्ध की गई.
‘आयआयआरएफ’ द्वारा घोषित होनेवाली यह सूचि बहुत ही प्रेस्टीजियस होती है. इसमें तज्ज्ञ व्यक्तीयों द्वारा विश्लेषण कर के कॉलेजों को सूचि में स्थान दिया जाता है. यह सूचि कॉर्पोरेट जगत में महत्वपूर्ण मानी जाती है. रोजगार, अध्यापन-अध्ययन व स्रोत, संशोधन, औद्योगिक उत्पन्न व एकीकरण, प्लेसमेंट धोरण व सहकार्य, भविष्यवेधी मार्गदर्शन और बाह्यधारणा व आंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोन जैसे सात मुद्दों पर यह सर्वेक्षण और विशेलषण होता है. सूर्यदत्त इन्स्टिट्यूट ऑफ हेल्थ सायन्स यह आरोग्य व संबंधित क्षेत्रो में एक जानीमानी शिक्षणसंस्था है. जोशीले छात्रों को अपने सपने पुरे करने और करियर को अच्छा बनाने में यह संस्था प्रेरित करती है.
तंत्रज्ञानाभिमुख, सर्वांगीण विकास की शिक्षा प्रदान करनेवाला एक केंद्र बना सूर्यदत्त ग्रुप वर्ल्ड क्लास बनने की क्षमता रखता है. संशोधन, ज्ञान, प्रशिक्षण देकर आरोग्य क्षेत्र को एक नया आयाम देने का प्रयास सूर्यदत्त कर रही है. समाज का स्वास्थ्य अच्छा रहे और फ़िजिओथेरपी अच्छे डॉक्टरों की निर्मिति हो इसलिए सूर्यदत्त इन्स्टिट्यूट ऑफ हेल्थ सायन्स काम कर रही है. समाज को उपयुक्त ऐसा ह्यूमन रिसोर्स विकसित करने हेतु तज्ञ व्यक्ति द्वारा मार्गदर्शन उपलब्ध कराया जाता है.
सूर्यदत्त ने बढ़ते स्वास्थ्य विज्ञान इकोसिस्टम की जरूरते पूरी करनेपर हमेशा ध्यान दिया है. उसी को ध्यान में लेकर सभी तरह का इंफ्रास्ट्रक्चर व् अन्य चीजों का निर्माण कर छात्रों को एक अत्याधुनिक शिक्षा प्रदान करने का अवसर यहां दिया जाता है. प्रा. डॉ. संजय बी. चोरडिया खुद इस क्षेत्र में रूचि रखते है. उसी कारण वे छात्रों को ज्यादा से ज्यादा अच्छी और समाजोपयोगी सुविधा देने में लगे रहते है.
प्रा. डॉ. संजय बी. चोरडिया ने भी अपने ग्रॅज्युएशन के बड्ड घुटने के दर्द को लेकर १९८३ में ‘नी क्वाड्रिसेप्स अँड नी जॉईंट एक्सरसायझर’ इस यंत्र का अनुसन्धान किया. घुटने की सर्जरी में यंत्र बहुत ही उपयुक्त रहा. पुणे के ससून अस्पताल को यह यंत्र हस्तांतरित किया गया. घुटने की ताकद बढ़ने में इसका उपयोग होता है. इस अनूठे अनुसन्धान के लिए तत्कालीन सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ती वाय. व्ही. चंद्रचूड़ के हाथो उन्हें सन्मानित किया गया था.
प्रा. डॉ. संजय चोरडिया ने कहा, इस सूचि में हमारा समावेश होना हमारे लिए आनंद की बात है. इससे हमारे छात्र और शिक्षकों को प्रेरणा मिलेगी. सूर्यदत्त में दिए जानेवाले व्हॅल्यू बेस्ड एज्युकेशन का भी सन्मान इसी द्वारा हुआ है. आनेवाले समय में और अच्छे डॉक्टर और स्वास्थ्य सेवा देनेवाले स्वास्थ्य कर्मचारी तैयार करने में मदद होगी. इन्स्टिट्यूट द्वारा व्हॅल्यू एडेड सर्टिफिकेट कोर्स दिया जाता है. उससे उनके सर्वांगीण विकास में मदद होने के साथ इक्कीसवी सदी का नेतृत्व विकसित होने और टेक्नीकल एक्सपर्ट व्यक्ति बनाने में मदद होगी. साथ उनमे रोजगार की क्षमता और उद्योजकता की भावना बढ़ेगी.”
सूर्यदत्त इन्स्टिट्यूट ऑफ हेल्थ सायन्सच्या कॉलेज ऑफ फिजिओथेरपी द्वारा महाराष्ट्र आरोग्य विज्ञान विद्यापीठ के तहत बॅचलर ऑफ फिजिओथेरपी, महाराष्ट्र स्टेट बोर्ड व्होकेशनल एज्युकेशन एक्झाम (एमएसबीव्हीईई) के तहत डिप्लोमा इन फिजिओथेरपी, डिप्लोमा इन नॅचरोथेरपी, नर्सिंग केअर सर्टिफिकेट कोर्स, डेंटल असिस्टंट, आॅप्थाल्मिक टेक्निशियन यह कोर्स उपलब्ध कराए जाते है.
आरोग्य विज्ञान से जुड़े सभी सुविधाए यहाँ दी गई है. पुणे के कई मल्टीस्पेशालिटी हॉस्पिटल्स के साथ सामंजस्य करार किए गए है. जिससे छात्रों को प्रात्यक्षिक व क्लिनिकल अनुभव देने का प्रयास होता है. फिजिओथेरपी और संबंधित क्षेत्र में बहुत बढ़ा अनुभव रखनेवाले व्यक्तियों के मार्गदर्शन में यह ट्रेनिंग दिया जाता है.
सूर्यदत्त संस्थान नियमित रूप से कई शिबिरो का आयोजन करता है. जिससे सामाजिक उपक्रम भी सफल होते है. रक्तदान शिबीर, डॉ. गोवर्धनलाल पराशर के उपस्थिती में ऑस्टिओपथी शिबीर, ललित गांधी के सहयोग से डॉ. शैलेश पुनतांबेकर की निगरानी में कर्करोग जनजागृती व तपासणी शिबीर, मोफत कृत्रिम अवयव का वितरण, कोविड-१९ लसीकरण, पोलिओ लसीकरण, एड्स जागृती, हृदयरोग तपासणी व जागृती, अस्थिरोग शिबीर, दातो का आरोग्य शिबीर, व्यसनमुक्ती जागृती शिबीर जैसे कई शिविर आयोजित किए जाते है. शैक्षणिक-सामाजिक उपक्रम में छात्रों जोड़ने हेतु यह उपक्रम महत्वपूर्ण होते है. इससे उन्हें सामाजिक जिम्मेदारी की भावना विकसित करने में मदद होती है.
हाल ही में सूर्यदत्त इन्स्टिट्यूट ऑफ हेल्थ सायन्स द्वारा दिव्यांगो के लिए कृत्रिम हात, पैर व कॅलिपर्स का वितरण किया गया. दिव्यांग पुनर्वसन केंद्र और भारत विकास परिषद के सहयोग से यह शिविर हुआ. शिक्षण और सामाजिक उपक्रमो में किए उल्लेखनीय कार्य के लिए आज तक सूर्यदत्त इन्स्टिट्यूट ऑफ हेल्थ सायन्स को अनेक पुरस्कारो से सम्मानित किया गया है.