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कवि सम्मेलन, सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से संविधान का जन जागरण

कवि सम्मेलन, सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से संविधान का जन जागरण

 

विश्वभूषण. संविधान दिवस के अवसर पर डॉ बाबा साहेब अम्बेडकर सांस्कृतिक महोत्सव समिति, पुणे की ओर से ‘भारतीय संविधान विचार सम्मेलन’

 

पुणे: भारतीय संविधान के अमृत जयंती वर्ष के अवसर पर विश्वभूषण. डॉ  बाबा साहेब अम्बेडकर सांस्कृतिक महोत्सव समिति, पुणे द्वारा आयोजित संविधान दिवस के अवसर पर कवि सम्मेलन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘भारतीय संविधान का संगीतमय साकार’ एवं ‘भारतीय संविधान का संगीतमय साकार’ की जोरदार प्रस्तुति के माध्यम से संविधान की अलख जगाई गई।

 

बालगंधर्व रंगमंदिर में संविधान दिवस के अवसर पर सम्मेलन के मुख्य आयोजक परशुराम वाडेकर एवं सुनीता वाडेकर द्वारा आयोजित सम्मेलन का विषय ‘भारतीय संविधान के 75 वर्ष.. विकास एवं प्रगति’ था.

 

संविधान से लिपटे इस कवि सम्मेलन की अध्यक्षता कवि प्रकाश घोडके ने की, जबकि अंजलि कुलकर्णी, देवा झिनजाद, जित्या जाली आदि प्रख्यात कवियों ने सम्मेलन में भाग लिया. उन्होंने बाबा साहेब अंबेडकर के संघर्ष पर अपनी कविताएं प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। काव्य गोष्ठी का संचालन सुमित गुणवंत ने किया।

 

सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘भारतीय संविधान का संगीतमय साकार’ के माध्यम से अधिक कलाकारों ने गायन और नृत्य प्रस्तुतियों के माध्यम से संविधान के 75 वर्षों के इतिहास को उजागर करने का प्रयास किया. कार्यक्रम की परिकल्पना और निर्माण सुनील महाजन ने किया, नृत्य निर्देशन निकिता मोघे ने, पटकथा लेखन साक्षीकांत देशमुख ने, कार्यक्रम समन्वय दीपक म्हस्के, केतकी महाजन-बोरकर ने किया, जबकि गायक संदीप उबाले, सौरभ दफ्तरदार, रश्मी मोघे ने अपनी प्रस्तुति से पुणेवासियों का दिल जीत लिया। बहादुर गायन. कार्यक्रम का संचालन दीपक म्हस्के ने किया।

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