शांति स्थापित करने धर्मगुरू वैश्विक मंच पर एक साथ आए
यूपी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना का संबोधनः वर्ल्ड इंटरफेथ हार्मनी कॉन्फ्रेंस २०२२ का उद्घाटन
विश्व शांति डोम में मॉर्मन संप्रदाय के संस्थापक जोसेफ स्मिथ ज्यू. के पुतले का अनावरण
पुणे : वैश्विक विश्व शांति की स्थापना के लिए सभी धर्मगुरूओं को विश्व मंच पर एक साथ आना चाहिए. शांति तभी स्थापित हो सकती है जब आत्मा और परमात्मा का मिलन हो. सभी धर्मगुरू अपने अनुयायियों को मानवता का अनुसरण करने और अन्य धर्मों का सम्मान करने के लिए प्रेरित करें. यह अपील उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने की.
एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी, पुणे और एमआईटी आर्ट डिजाइन एंड टेक्नॉलॉजी के सहयोग से विश्व के सबसे बडे गुंबद यांनी दार्शनिक संत श्री ज्ञानेश्वर तुकाराम विश्व शांति सभामंडप में आयोजित वर्ल्ड इंटरफेथ हार्मनी कॉन्फ्रेंस २०२२ का आयोजन किया गया था. इस समय मॉर्मन संप्रदाय के संस्थापक और विचारक जोसेफ स्मिथ के पुतले का अनावरण किया गया. इस समय वे बतौर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे.
इस मौके पर आध्यात्मिक गुरू एल्डर डी. टॉड. क्रिस्टोफरसन, स्पैन कंस्ट्रक्शन एंड इंजीनियरिंग के अध्यक्ष किंग हुसैन, बिघम यंग यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष कविन वार्डीन, रिचर्ड नेल्सन, रोनाल्ड गुनेल, डॉ. अशोक जोशी, लद्दाख के महाबोधि अंतर्राष्ट्रीय ध्यान केंद्र के संस्थापक भिक्कू संघ सेना मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे. बहाई अकादमी के डॉ. लेसन आजादी विशिष्ट अतिथि के रूप में थे.
कार्यक्रम की अध्यक्षता एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के संस्थापक अध्यक्ष प्रो.डॉ. विश्वनाथ दा. कराड ने निभाई.
साथ ही एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के कार्यकारी अध्यक्ष राहुल विश्वनाथ कराड, एमआईटी एडीटी के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. मंगेश तु. कराड, रॉन ब्रुनेल, रिचर्ड नेल्सन और डॉ. प्रियंकर उपाध्याय तथा अमेरिका के विभिन्न क्षत्रों के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.
सतीश महाना ने कहा, सृष्टि पर सभी को शांति की जरूरत है. जिस प्रकार मणुष्य अपने धर्म को भला कहते है उसी प्रकार उसे दूसरों के धर्म की निन्दा नहीं करनी चाहिए. धर्म का मतलब केवल धर्म नहीं नहीं है बल्कि इसमें मानवता और हमारा कर्तव्य भी शामिल है. विश्व में सभी आध्यात्मिक और धार्मिक गुरूओं को मानव कल्याण और विश्व शांति के लिए मिलकर काम करना चाहिए.
टी. टॉड. क्रिस्टोफरसन ने कहा, हम जोसेफ स्मिथ को भगवान के रूप में नहीं पूजते है, लेकिन हम उनका आदर करते है. उनकी आध्यात्मिक शक्ति ने उन्हें दयालु और धैर्यवान बनाया है. इसलिए उन्हें गरीबों और दलितों के प्रति सहानुभूति थी. वर्ल्ड पीस डोम में आज उनके पुतले का अनावरण देखकर हमें बहुत खुशी हो रही है.
किंग हुसैन ने कहा, एमआईटी जिस तरह से काम कर रहा है वह पूरी मानव जाति के लिए है. ईश्वर से प्रेरित डॉ. कराड शांति और सद्भाव के लिए काम करते है. वे महात्मा गांधी के बातए रास्ते पर चल रहे हैं.
डेविड हंट्समैन ने कहा, जोसेफ स्मिथ प्रेम के प्रवर्तक और सत्य के पुनर्जीवित करने वाले थे. उन्होंने सभी के लिए आशा, विश्वास और दान के बारे में बताया कि गरीबों और जरूरतमंदों की सेेवा करना हमारा कर्तव्य है. इसी प्रकार दूरदर्शी डॉ. कराड में काम करने की जबरदस्त शक्ति है.
केविन वर्धेन ने कहा, जोसेफ स्मिथ ने शिक्षा को बहुत महत्व दिया है. ज्ञान एक शाश्वत उपकरण है. शिक्षा केवल धर्मशास्त्र तक ही सीमित नहीं है. अध्ययन और विश्वास एक दूसरे को पुष्ट करते हैं. अपने चरित्र को भगवान के समान बनाने के लिए ज्ञान अर्जित करना चाहिए. शिक्षा समग्र विकास का एक साधन है, ज्ञान ही सबसे बडी शक्ति है.
प्रो. डॉ. विश्वनाथ दा. कराड ने कहा, ऋषि और संत आत्मा और मन के बारे में सोचते हैं. यह एक गलत धारण है कि आध्यात्म एक अंधविश्वास है. सभी धर्म मानव कल्याण के लिए समान शब्दों का प्रयोग करते हैं. आज के समय में सार्वभौमिक मूल्यों पर आधारित शिक्षा देना आवश्याक हैं.