सवाई के दौरान शादजा, अंतरंग एवं फोटो प्रदर्शनी की जानकारी की घोषणा की
विशाल समाचार टीम पुणे:-
पुणे: आर्य संगीत प्रसारक मंडल द्वारा आयोजित 68वें सवाई गंधर्व भीमसेन महोत्सव के दौरान शाद्जा, आत्मीयता और ‘शताब्दी समरन’ फिल्म प्रदर्शनी की जानकारी मंडल के कार्यकारी अध्यक्ष श्रीनिवास जोशी ने आज आयोजित पत्रकार वार्ता में दी. तत्पश्चात सतीश पक्णिकर ने पत्रकारों को इस वर्ष की फोटो प्रदर्शनी की जानकारी दी। आर्य संगीत प्रसारक मंडल की ट्रस्टी शिल्पा जोशी, शुभदा मुलगुंड, डॉ. इस मौके पर प्रभाकर देशपांडे, मिलिंद देशपांडे समेत अन्य मौजूद रहे।
मुकुंद नगर स्थित महाराष्ट्रीयन मंडल के खेल परिसर में 14 से 18 दिसंबर तक 68वें सवाई गंधर्व भीमसेन महोत्सव का आयोजन किया जाएगा. 14, 15 और 16 दिसंबर के बीच सुबह 11 से 1 बजे के बीच शाद्जा और अंतरांग होगा। श्रीनिवास जोशी ने कहा कि इसके अलावा महोत्सव के दौरान हर साल आयोजित होने वाली चित्र प्रदर्शनी ‘शताब्दी स्मरण’ भी इस बार खास होगी।
शाद्जा, अंतरांग के बारे में अधिक जानकारी इस प्रकार है –पहला दिन – 14 दिसंबर, 2022
संगीत मार्तंड पं. जसराज की बेटी दुर्गा जसराज और उनके भतीजे और शिष्य पं। रतन मोहन शर्मा पं. जसराज की यादों को सामने लाएंगे।
दूसरा दिन – 15 दिसंबर, 2022
भारत रत्न पं. दूसरे दिन भीमसेन जोशी के संगीतमय जीवन पर आधारित फिल्म दिखाई जाएगी। फिल्म का निर्माण आर्य संगीत प्रसारक मंडल ने किया है।
तीसरा दिन – 16 दिसंबर, 2022
महान सरोद वादक उस्ताद अली अकबर खां के सुपुत्र आलम खां से बातचीत का कार्यक्रम होगा। आलम खान मेहर सेनी परिवार के जाने-माने सरोदवादक हैं और अमेरिका में रहते हैं।
महोत्सव में चित्र प्रदर्शनी की जानकारी देते हुए सतीश पक्णिकर ने कहा, ”भारत रत्न पंडित भीमसेन जोशी की जन्मशती के उपलक्ष्य में हो रहे इस वर्ष भी महोत्सव का आयोजन हर वर्ष की भांति किया गया है. इस वर्ष प्रदर्शनी पं. यह भीमसेन जोशी के चित्रों पर आधारित होगा। फोटोग्राफी में कैद हर पल हमें उस पल को फिर से जीने का आनंद देता है। इस प्रदर्शनी से एक बार फिर फोटोग्राफी की शक्ति का अनुभव होगा।”
इस साल भी हमें स्वर्गीय वरिष्ठ प्रकाश चित्रकार अनिल देशपांडे और सुधाकर जोशी और सतीश पक्निकर के संग्रह से कई तस्वीरों के माध्यम से एक बार फिर समय के पर्दे के पीछे चले गए संगीत कार्यक्रम का अनुभव मिलेगा। महोत्सव के मुख्य आयोजक पं.भीमसेन इस प्रदर्शनी में यह देखा जा सकता है कि भीमसेनजी और अपनी कला प्रस्तुत करने आए भारत भर के कलाकारों के बीच कितना बनावटी और बेहद सरल रिश्ता था, एक-दूसरे की कला के प्रति प्रेम, प्रशंसा, सराहना, आदर और प्रेम पं. भीमसेनजी एवं अन्य कलाकारों के छायाचित्रों के साथ-साथ पाकणिकर के कैमरे में कैद ‘भीमसेनी मुद्रा’ इस प्रदर्शनी का विशेष आकर्षण होगा। पणिकर ने पिछले तेरह वर्षों से महोत्सव में विभिन्न विषयों पर प्रदर्शनियां प्रस्तुत की हैं, उन्होंने यह भी बताया कि प्रदर्शनी का यह चौदहवां वर्ष है।
बता दें कि इस साल त्योहार की टिकट बिक्री तिलक रोड स्थित ग्राहक पेठ पर भी होगी और प्रशंसक इसी स्थान पर सवाई गंधर्व भीमसेन महोत्सव के लिए टिकट प्राप्त कर सकेंगे।
त्योहार के बाद घर जाने के लिए पीएमपीएमएल सेवाएं निम्नलिखित बस मार्गों पर उपलब्ध होंगी-
कार्यक्रम के बाद मुकुंदनगर से भक्ति शक्ति चौक, निगड़ी
कार्यक्रम के बाद मुकुंदनगर से सिंहगढ़ रोड (मारुति मंदिर, धीरी)
कार्यक्रम के बाद मुकुंदनगर से कोथरूड डिपो (पौड रोड)
घटना के बाद फिर से मुकुंदनगर से वारजे मालवाड़ी
इसके साथ ही परिवहन सेवा देने वाली कंपनियों ओला और उबर के ऐप पर अगर आप गंतव्य ‘सवाई 2022’ में प्रवेश करते हैं, तो आप पुणे में कहीं से भी त्योहार का रास्ता देख सकेंगे और इससे यात्रियों को यात्रा करने में आसानी होगी। त्योहार पर पहुंचें। इसके अलावा, हमने रिक्शा संघों से भी बात की है और उन्होंने त्योहार के लिए अधिकतम सहयोग प्रदान करने पर सहमति व्यक्त की है, श्रीनिवास जोशी ने बताया।