21वीं ‘पिफ’ में सामने आई राज कपूर की यादें*
पुणे: : ‘मेरा नाम जोकर’, ‘बॉबी’, ‘राम तेरी गंगा मैली’ जैसी लोकप्रिय फिल्मों की शूटिंग की विभिन्न कहानियाँ, राज कपूर के व्यक्तित्व के विभिन्न पहलू जैसे सनक, कड़ी मेहनत, भोजन और मानवता के प्रति उनका प्रेम और जाने-माने निर्देशक राहुल रवेल ने फिल्म निर्माण की विभिन्न तकनीकों के सफर का खुलासा करते हुए राज कपूर की यादों पर रोशनी डाली।
आज रवैल ने 21वें पुणे अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के तहत आयोजित ‘मास्टर क्लास’ में दर्शकों से बात की, जो पुणे फिल्म फाउंडेशन और महाराष्ट्र सरकार द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है। यह कार्यक्रम सेनापति बापट रोड स्थित पवेलियन मॉल के पीवीआर आइकन में आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम के लिए महत्व के अध्यक्ष एवं निदेशक डॉ. पुणे फिल्म फाउंडेशन। जब्बार पटेल, समारोह की फिल्म चयन समिति के अध्यक्ष समर नखाते और अन्य उपस्थित थे। कार्यक्रम में डॉ. पटेल ने रवैल का इंटरव्यू लिया।
71 वर्षीय रवैल ने अपने करियर की शुरुआत प्रसिद्ध अभिनेता और निर्देशक राज कपूर के सहायक निर्देशक के रूप में की थी। उन्होंने 1980 में फिल्म गुनेहगर से बतौर निर्देशक हिंदी सिनेमा में डेब्यू किया। उन्होंने ‘अर्जुन पंडित’, ‘और प्यार हो गया’, ‘अंजाम’, ‘जो बोले सो निहाल’ जैसी फिल्मों का निर्देशन किया है।