सेवा तरंग सम्मेलन में सामाजिक कार्यकर्ता गिरीश प्रभुने और बिजमाता राहीबाई पोपेरे की कार्य यात्रा का खुलासा हुआ।
पुणे : सामाजिक कार्यकर्ता पद्मश्री गिरीश प्रभुणे द्वारा टीमवर्क और स्थापित कार्य के माध्यम से वंचित समुदाय के नागरिकों के जीवन में आने वाले दु:खद अनुभवों को प्रकाश में लाया गया, अपने पोते के बीमार पड़ने के कारण रासायनिक युक्त भोजन के दुष्प्रभावों का एहसास, और मां पद्मश्री राहीबाई पोपेरे का स्वदेशी किस्मों के बीज बैंक के माध्यम से घर-घर तक जहर रहित भोजन पहुंचाने का जुनून…अपने काम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने वाले इन दो पद्मश्री विजेताओं की कार्य यात्रा, राज्य के एनजीओ के सामने रखा।
धर्मार्थ संस्था सेवावर्धनी के रजत जयंती वर्ष के अवसर पर पं. दीनदयाल उपाध्याय के स्मृति दिवस के उपलक्ष्य में पुणे में ‘सेवा तरंग’ नामक दो दिवसीय राज्य स्तरीय एनजीओ सम्मेलन का आयोजन किया गया है। सेवावर्धनी, मुकुल माधव फाउंडेशन, परसिस्टेंट फाउंडेशन और प्राज फाउंडेशन द्वारा आयोजित सम्मेलन का समापन वानवाड़ी स्थित महात्मा फुले सांस्कृतिक भवन में किया जा रहा है.सम्मेलन में शनिवार को बिजमाता पद्मश्री राहीबाई पोपेरे एवं वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता पद्मश्री गिरीश प्रभुने का साक्षात्कार कार्यक्रम आयोजित किया गया. विनीता तैलंग ने इस इंटरव्यू का संचालन किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व पदाधिकारी भैयाजी जोशी, सेवावर्धनी के कार्यकारी अध्यक्ष किशोर देसाई, कार्यक्रम के अध्यक्ष सुधीर मेहता, स्वागत समारोह के अध्यक्ष सोमदत्त पटवर्धन, सेवावर्धनी के कार्यकारिणी माणिक दामले, सेवावर्धनी के सह कार्यकर्ता, संस्था के जयराज फनसालकर, पद्म कुबेर इस मौके पर मौजूद थे।
कार्यक्रम में तुलजापुर के यमगरवाडी एवं पिंपरी-चिंचवड के समरसता गुरुकुलम में पुनरोद्धार परियोजना की शुरुआत कैसे की गई