भारत विश्व गुरुत्व का कार्य करेगा कुलपति प्रो.श्रीनिवास वरखेडी ने कहा
ज्ञान विज्ञान, अध्यात्म और दर्शनशास्त्र के नौंवे विश्व सम्मेलन का समापन
वाराणसी : नई दिल्ली स्थित केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.श्रीनिवास वरखेडी ने कहा, पंतप्रधान नरेंद्र मोदी ने जी २० का नेतृत्व कर दुनिया को भारत की शक्ती दिखाई है. वैसे ही यह विश्वस्तरीय सम्मेलन आने वाले समय में विश्व गुरूत्व का कार्य करेगा. भारत आध्यात्मिक राष्ट्र है. विश्वत्मक भावना के साथ छात्रों को अब शांति की ओर ले जाना है. माईर्स एमआईटी वर्ल्ड पीस युनिवर्सिटी, पुणे की ओर से काशी विश्वनाथ धाम कारिडोर के त्रंबकेश्वर हाल में आयोजित त्रिदिवसीय ९वें ज्ञान, विज्ञान, अध्यात्म और दर्शनाशास्त्र के समापन मौके पर बतौर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे.
डॉ. श्रीनिवास वरखेडी ने आगे कहा, वर्तमान दौर में देश के सारे विश्वविद्यालय ज्ञान सर्जन में जुटे है. छात्रों को साक्षर बना रहा है. लेकिन यह साक्षरता के साथ राक्षस भी बना रहा है. साक्षर राक्षस है. ऐसे समय में हम विश्व को क्या दे है यह सवाल उठता है. काशी संस्कृत का धाम है अब यहां से विश्वशांति की गूंज उठ रही है. मनुष्य को सुख और शांति चाहिए. उसी दिशा में यह सम्मेलन महत्वपूर्ण है.
इस मौके पर सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की ओर से संस्कृत श्री सम्मान से विश्वधर्मी प्रो.डॉ. विश्वनाथ दा. कराड को नवाजा गया है.
वाराणसी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के सीईओ सुनील कुमार वर्मा ने कहा, जिस दिन राष्ट्रीय और निजी चरित्र तय होगा उस दिन देश में शांति का भाव अपने आप जागृत होगा. राष्ट्रीय सोच हमारे पूर्वजों की सोच से उत्पन्न हुई है. इस सम्मेलन ने काशी को नई ऊर्जा का स्त्रोत दिया है.
हरे राम त्रिपाठी ने कहा, डॉ कराड ने विश्वशांति की उत्क्रांति पर कार्य कर रहे है. इसका उद्देश्य मानवता में शांति स्थापित करना है. भारतीय संस्कृति की धारा प्रवाह हो रही है उसे विश्व के सामने लाने का काम वे कर रहे है.
माईर्स एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के संस्थापक अध्यक्ष विश्वधर्मी प्रो.डॉ. विश्वनाथ दा. कराड ने कहा, जो ज्ञान के रथ में सवार है वह भारत है. ऐसे में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में जो शांति सम्मेलन में हुआ वहीं सारी दुनिया में शांति लाने का काम करेंगा. भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जो सारी दुनिया को सुख, संतोष और शांति की राह दिखाएगा.
डॉ. योगेंद्र मिश्रा ने कहा, काशी में इतिहास बना है वह है डॉ. कराड को विश्वशांति विद्यारत्न से नवाजा जाना. काशी का संदेश पूरे विश्व में १५ फरवरी को विश्व हिंदी सम्मेलन में दिया जाएगा.
डॉ. प्रियंकर उपाध्याय ने कहा, महात्मा गांधी ने विचार किया था, मनसा,वाचा और कर्मना पर वह डॉ. विश्वनाथ कराड में दिखाई देता है. वर्तमान दौर में एमआईटी में आत्मिक सामाजिक शांति के लिए शिक्षा दी जाती है.
डॉ.संजय उपाध्ये ने कहा, सृष्टी पर एक ओर लड़ाई चल रही है, ऐसे समय मन में शांति को लेकर डर उठ रहा है. लेकिन सभी मानव के लिए यह अच्छे संकेत है कि यहां पर जो चर्चा की लहरें उठ रही है उससे सभी के मन शांत होगे.
इस मौके पर काशी के सभी अखबारों के वरिष्ठ पत्रकारों का विशेष सम्मान डॉ. विश्वनाथ दा. कराड और एमआईटी डब्ल्यूपीयू के प्र कुलपति डॉ मिलिंद पांडे के हाथो किया गया.
प्रा. डॉ. मिलिंद पात्रे ने सूत्रसंचालन और डॉ. मिलिंद पांडे ने सभी का आभार माना.