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सूर्यदत्त’ में शुरू होगा उभरते ‘मेडिएशन’ क्षेत्र का पाठ्यक्रम

विवाद समाधान प्रक्रिया में ‘मेडिएशन’ की भूमिका महत्वपूर्ण
अदम्या राज की राय; सूर्यदत्त लॉ कॉलेज की ओर से ‘मेडिएशन’ पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन
‘सूर्यदत्त’ में शुरू होगा उभरते ‘मेडिएशन’ क्षेत्र का पाठ्यक्रम
प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया की जानकारी; मेडिएशन प्रशिक्षण केंद्र के लिए ‘सूर्यदत्त’ और ‘रदांक्स’ के बीच समझौता ज्ञापन
विशाल समाचार टीम पुणे की रिपोर्ट
पुणे: “विवाद समाधान की प्रक्रिया में मध्यस्थता (मेडिएशन) की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती जा रही है। वर्तमान में दुनिया भर में मध्यस्थता को प्राथमिकता दी जा रही है। सरकार द्वारा पेश किए गए ‘मध्यस्थता विधेयक 2021’ के कारण भारत में भी मध्यस्थता के क्षेत्र में नए अवसर खुलेंगे,” ऐसी राय रदांक्स लिमिटेड, लंडन मेडिएशन के निदेशक अदम्या राज ने व्यक्त की।
संघर्ष समाधान प्रक्रिया में उपयोगी के रूप में उभरती ‘मध्यस्थता’ के विषय पर सूर्यदत्त एजुकेशन फाउंडेशन संचलित सूर्यदत्त लॉ कॉलेज और रदांक्स लिमिटेड, इंग्लैंड द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में राज बोल रहे थे। ‘विवाद समाधान में मध्यस्थता और इसके महत्व’ पर अदम्या राज ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से मार्गदर्शन किया।
‘सूर्यदत्त’ के बावधन परिसर में आयोजित इस संगोष्ठी के दौरान ‘सूर्यदत्त’ में मेडिएशन प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने के लिए सूर्यदत्त एजुकेशन फाउंडेशन और रदांक्स लिमिटेड के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर सूर्यदत्त एजुकेशन फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया, उपाध्यक्ष एवं सचिव सुषमा चोरडिया, संस्थापक डॉ. प्रतीक्षा वाबले, सूर्यदत्त लॉ कॉलेज की प्राचार्य प्रो. केतकी बापट आदि उपस्थित थे।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक प्रसिद्ध मेडिएटर, बहुआयामी मानवतावादी, युवा आइकन रही अदम्या राज लेखक, संपादक, भाषा शिक्षक, संचारक और सामाजिक नेता के रूप में काम कर रही हैं। अदम्या राज को भारतीय संसद के वरिष्ठ सदन राज्य सभा में ‘मध्यस्थता विधेयक 2021’ के वाचन में भाग लेने का अवसर मिला। मध्यस्थता विधेयक दोनों पक्षों के हित में स्थिति पैदा करता है। इसके अलावा, पार्टी हमेशा नियंत्रण में रहती है, ऐसा अदम्या राज ने कहा।
मेडिएशन की अवधारणा और इसके महत्व को समझाते हुए राज ने मध्यस्थ की भूमिका, मध्यस्थता के लाभ, प्रक्रिया आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने अच्छी मध्यस्थता के लिए प्रशिक्षण,  उसके लिए आवश्यक योग्यता और कानूनी पहलुओं के बारे में श्रोताओं के सवालों के जवाब दिए। अदम्या राज ने एक अंतरराष्ट्रीय कानूनी परामर्श और वैकल्पिक विवाद समाधान संगठन रदांक्स लिमिटेड के माध्यम से दुनिया भर में चल रहे मध्यस्थता प्रशिक्षण के बारे में जानकारी दी।
प्रो डॉ. संजय बी. चोरडिया ने इस जानकारीपूर्ण संगोष्ठी के लिए राज को धन्यवाद दिया। “सूर्यदत्त ने मूल्य वर्धित पाठ्यक्रम के हिस्से के रूप में विविध क्षेत्रों में नए और उभरते क्षेत्रों में प्रशिक्षण शामिल किया है। वर्तमान में, दुनिया भर में विवाद समाधान में मध्यस्थता एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटक बन गया है। इसलिए, हम ‘सूर्यदत्त’ में भी मध्यस्थता के विषय में एक उद्योगोन्मुख, व्यावहारिक-आधारित मूल्य वर्धित पाठ्यक्रम शुरू कर रहे हैं। उन्होंने इस संगोष्ठी में भाग लेने वाले सभी संकाय और छात्रों से इस प्रशिक्षण का लाभ उठाने और न्याय वितरण प्रणाली का हिस्सा बनने का आवाहन किया हैं।

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