महाराष्ट्र

स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की भावना से भरपूर, स्क्रीन समय बढ़ाना सभी के लिए खतरनाक है

स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की भावना से भरपूर, स्क्रीन समय बढ़ाना सभी के लिए खतरनाक है

– शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. संपदा तंबोलकर का कथन
नासिक: बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. ने कहा कि स्क्रीन का बढ़ना सभी के लिए खतरनाक है. जागीर तम्बोलकर ने की थी। महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता मा. कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल माधुरी कानिटकर (सेवानिवृत्त) के साथ डीवाई पाटिल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सम्पदा तम्बोलकर प्रमुख व्याख्याता के रूप में उपस्थित रहीं। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. डॉ. राजेंद्र बंगाल, परीक्षा नियंत्रक। संदीप काडू, वित्त एवं लेखा अधिकारी श्री. एन.वी. कालस्कर, छात्र कल्याण विभाग के निदेशक डॉ. मनोज कुमार मोरे, मतनीस की अध्यक्ष श्रीमती योगिता पाटिल, सचिव श्रीमती शिल्पा पवार सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
इस मौके पर डीवाई पाटिल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर व शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. संपदा तम्बोलकर ने कहा कि महिलाओं को परिवार की देखभाल करते हुए बच्चों पर अधिक ध्यान देना चाहिए। मौजूदा समय में मोबाइल फोन का बढ़ता इस्तेमाल हर किसी के लिए खतरनाक होता जा रहा है। खासकर बच्चों की बुद्धि और मानसिकता पर असर पड़ रहा है। इसके लिए सभी को स्क्रीन टाइम कम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अभिभावकों को इस बारे में और जागरूक होने की जरूरत है।
उन्होंने आगे कहा कि बच्चों को संतुलित आहार की आवश्यकता होती है और इसके लिए उनके दैनिक भोजन में विभिन्न विटामिन, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल किया जाना चाहिए. हो सके तो पैकिंग फीट खाने से बचना चाहिए। कम उम्र में आने वाले लड़के-लड़कियों की मानसिकता को जानना माता-पिता के लिए जरूरी है। इस उम्र में बुरी लत लगने की संभावना अधिक होती है।

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