नैतिक जिम्मेदारी एआई को प्रोत्साहित करे
नीति सलाहकार और शोधकर्ता डॉ. शेहला रशीद ने तीसरे सत्र में कहा
विशाल समाचार नेटवर्क पुणे : नीति सलाहकार और शोधकर्ता डॉ. शेहला रशीद ने वैश्विक मानकों को आकार देने और नैतिक और जिम्मेदार कृत्रिम बुद्धिमत्ता को प्रोत्साहित करने में भारत की भूमिका पर जोर दिया. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म राजनीतिक प्रवचन और गलत सूचना के लिए युद्ध का मैदान बन गए है. डीप फेक और इको चेंबर का हथियारीकरण डिजिटल परिदृश्य के संभावित नुकसान की स्पष्ट याद दिलाता है. हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि वर्तमान और भविष्य की पीढिया एआई संचालित छेद, सूचना साइलो, प्रचार और साजिश सिद्धांतों के इस खतरे का शिकार न बने. यह विचार डॉ. शेहला ने डेमोक्रेसी २.० शीर्षक वाले तीसरे सत्र में कहा.
एमआईटी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट और एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित भारतीय छात्र संसद के १३ वें संस्करण के तीसरे सत्र में बोल रही थी.
कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष यू.टी. खादर फरीद ने सत्र की अध्यक्षता की. एमआईटी डब्ल्यूपीयू के संस्थापक अध्यक्ष प्रा.डॉ. विश्वनाथ दा. कराड, निर्माता सिद्धार्थ काका, सोमनाथ भारती और अपूर्व सिंह उपस्थित थे.
इस मौके पर हरियाणा के विधायक भव्य बिश्नोई को गणमान्य व्यक्तियों के हाथों आदर्श युवा विधायक सम्मान से सम्मानित किया गया.
डॉ.शेहला ने कहा, एमआई और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने मौलिक रूप से हमारे बातचीत करने के तरीके, उपभोक्ता जानकारी के तरीके और हम लोकतांत्रिक प्रक्रिया में कैसे भाग लेते है. शक्तिशाली प्रौद्योगिकियां और एल्गोरिदम वर्गों की आबादी को सूक्ष्म लक्ष्य बनाने और पर्यावरण कक्ष बनाने की अनुमति देते हैं जो लोकतांत्रिक संवाद प्रक्रिया के विपरीत हैं. इजराइल युद्ध में देखा है कि कैसे जेनेरिक एआई का उपयोग उन हमलों या घटनाओं को दिखानेवाली जीवन जैसी छवियां बनाने के लिए किया गया है जो कभी हुई ही नहीं थी. सकारात्मक बात यह है कि एआई, सोशल मीडिया और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा सुशासन के लिए तकनीकी शक्ति का उपयोग कर सकते है. भारत जिम्मेदार और नैतिक एआई विकास को प्रोत्साहित करके नेतृत्व कर सकता है और अच्छे के लिए एआई का लाभ उठाने के लिए वैश्विक मानकों को आकार दे सकता है.
यू.टी. खादर फरीद ने कहा, चुनाव को दृष्टि के रूप में ध्यान में रखने वाला व्यक्ति राजनेता होता है. और वह भावी पीढियों के बारे में सोचता है. वह दूरदर्शी होता है. राजनीति में एआई और सोशल मीडिया से ज्यादा आपकी बुद्धिमता महत्वपूर्ण है और आप परिस्थितियों को कैसे संभालते है. यह सबसे ज्यादा मायने रखता है. राजनीति गणित नहीं बल्कि रसायन विज्ञान है जो प्रतिक्रिया देगा समाधान नहीं. मै सभी से राजनीति में सक्रिय रूप से भाग लेने और हमारे देश के हित में काम करने और लोगों के दिलों में रहने का अनुरोध करता हू.
अपूर्वा सिंह ने कहा, सोशल मीडिया ने नागरिकों को मतदान प्रक्रिया समाप्त होने के बाद भी सरकारों से सवाल करने का अधिकार दिया है. युवाओं को सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सहित सभी प्लेटफॉर्म पर सकारात्मक विचार रखने चाहिए.
भारती ने कहा एमआई और सोशल मीडिया सिर्फ सक्षम बनानेवाले है. यह उपयोगकर्ता के इरादो को बढाएगा. सरकारों को एआई और सोशल मीडिया की सकारात्मक उपयोगिता के साथ लोकतंत्र को वास्तव में सभी के लिए सुलभ बनाने की दिशा में काम करना चाहिए.
सिद्धार्थ काक ने कहा, युवा भारत का भविष्य है और वही तय करेंगे कि लोकतंत्र का भविष्य कैसा होगा.
छात्र नेता हिमांशु जिंदल, सेजल सिंह, आकाशरा एच. ऋषि वैभव मिश्रा और आदित्य राज ने प्रेरणादायक भाषण दिया. डॉ. मंगेश बेडेकर ने स्वागत पर भाषण दिया.
डॉ. गौतम बापट ने सूत्रसंचालन किया.