पूणे

युवाओं के मुद्दों पर राष्ट्रीय युवा आयोग स्थापित करे लोक जनशक्ति पार्टी के चिराग पासवान के विचार बीसीएस का पहला सत्र –  राजनीति में युवा नेतृत्व बयानबाजी या वास्तविकता

युवाओं के मुद्दों पर राष्ट्रीय युवा आयोग स्थापित करे
लोक जनशक्ति पार्टी के चिराग पासवान के विचार
बीसीएस का पहला सत्र –  राजनीति में युवा नेतृत्व बयानबाजी या वास्तविकता

विशाल समाचार नेटवर्क पुणे :  लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद चिराग पासवान ने देश में युवा आबादी से संबंधित कई मुद्दों के समाधान के लिए एक राष्ट्रीय युवा आयोग की स्थापना की मांग की. पासवान ने राजनीति में युवा नेतृत्व बयानबाजी या वास्तविकता विषय पर एक सत्र में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा वह दिन दूर नहीं जब युवा जमीनी स्तर पर राजनीति में भाग लेंगे  तब हम अपने देश में युवा संसद देखेंगे.
एमआईटी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट और एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित भारतीय छात्र संसद के १३वे संस्करण के दौरान वे बोल रहे थे. इस मौके पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, विधायक सुधीर तांबे, भाजपा के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला और एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के कार्याध्यक्ष राहुल विश्वनाथ कराड उपस्थित थे.
इस मौके पर विधायक तांबे को आदर्श युवा विधायक सम्मान से सम्मानित किया गया. साथ ही यशोधराराजे शिंदे, राजबलविंदर सिंह, प्रियंका तिवारी और नीरू यादव को उच्च शिक्षित आदर्श युवा सरपंच सम्मान से सम्मानित किया गया.
चिराग पासवान ने आगे कहा, मैं कोई नेपो किड नहीं था जो राजनीति में आना चाहता था, लेकिन जब मैं अन्य क्षेत्र में करियर बना रहा था, तो मुझे एहसास हुआ कि राजनीति  में प्रवेश करना महत्वपूर्ण है. राजनीति या राजनेताओं की आलोचना करने की प्रवृत्ति है लेकिन हमें अलग ढंग से सोचने और इस गलत धारणा को तोड़ने की जरूरत है. बिहार लंबे समय से भारत में राजनीति का केंद्र रहा है, जहां की राजनीति जाति, धर्म और संप्रदाय की राजनीति के इर्द गिर्द घूमती है. यदि हम एक विकसित राष्ट्र बनाना चाहते हैं तो हमें अपनी मानसिकता बदलनी होगी और प्रत्येक नागरिक को राष्ट्रीय मुख्यधारा में लाना होगा. मैं उन युवाओं के बारे में चिंतित हूं जो राजनीति से दूर रहते हैं या कटे हुए हैं लेकिन राजनीति की आलोचना करते है. युवाओं को अपनी ऊर्जा और जुनून का उपयोग देश को सही दिशा में ले जाने के लिए करना चाहिए.
पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, अगर हमें मल्टीट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाना है तो युवाओं को सभी क्षेत्रों में योगदान देना होगा. युवा आबादी का एक वोट तय करेगा कि भविष्य में देश किस दिशा में जाएगा. भले ही हम दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए, लेकिन प्रति व्यक्ति आय के मामले में हम अभी भी अन्य देशों की तुलना में १४०वें स्थान पर है. यदि युवा प्रत्यक्ष वैकल्पिक राजनीति का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं तो उन्हें सार्वजनिक नीति भाग लेना चाहिए.
तांबे ने कहा, अगर हम देश में राजनीतिक साक्षरता लाएंगे तो लोकतंत्र मजबूत होगा. इस देश के हर युवा का अलग अलग मुद्दो पर अपना नजरिया और स्टैंड होना चाहिए. विचारधारा की लड़ाई  विचारधाराओं से लड़ना चाहिए और इसके लिए युवाओं को बड़े पैमाने पर राजनीति में भाग लेना चाहिए.
शहजाद पूनावाला ने कहा, युवाओं को परिवर्तन के एजेंट के रूप में कार्य करना चाहिए और अपने वोट की ताकत को देखना चाहिए और यह भी देखना चाहिए कि यह देश को विकास के पथ पर कैसे आगे बढ़ेगा.
छात्र नेता शुभंकर पंडितराव, आयशा मेहबूब उल्दे, बोमिटो किनिमी, प्राजक्ता भांगे, यश वरंदल ने प्रेरणादायक भाषण दिया.
डॉ. गौतम बापट ने सूत्रसंचालन और डॉ. सुनील जॉर्ज ने आभार माना.

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