पैदल राम नगरी भक्तों संग रवाना हुए समाजसेवी, कई जगह हुआ स्वागत
अयोध्या में रामलला के विराजमान होने को लेकर रामभक्तों में उत्साह का माहौल है।
ऋषि नाथ त्रिवेदी – बहराइच
जनपद बहराइच में समाजसेवी पंकज शुक्ल दर्जनों साथियों के साथ पैदल यात्रा करते हुए अयोध्या धाम को रवाना हुये। पद यात्रा पर निकले रामभक्तों का जगह जगह फूल मालाओं से स्वागत किया गया।
पयागपुर नगर क्षेत्र के बस स्टॉप निवासी समाजसेवी पंकज शुक्ला, सूर्यप्रकाश तिवारी”सूर्या”,देवकृष्ण त्रिपाठी “काका”, नीरज शुक्ल”मयंक”,अंकित तिवारी,महेश तिवारी आदि की टोली रामप्रकाश बाबा की पावन तपोस्थली से अयोध्या श्रीधाम के लिए पैदल यात्रा पर रवाना हुये। ईश्वर के प्रति सच्ची श्रद्धा रखने वाले श्री शुक्ल दो बार द्वादश ज्योतिर्लिंग,कई बार बाबा वैद्यनाथ धाम,तीन बार चारों धाम,सहित उत्तराखंड स्थिति बाबा नीम करौरी की अनगिनत बार यात्रा कर चुके है। सैकडों क्षेत्रवासियों को श्रीधाम सहित तीर्थ स्थलों की यात्रा करा चुके श्री शुक्ल को इस कार्य मे परम् आनन्द की अनुभूति प्राप्त होती है।
पैदल यात्रा पर निकले समाजसेवी पंकज का कहना है कि वर्षों वर्ष बाद मेरे आराध्य की प्राण प्रतिष्ठा का सुअवसर आया है इससे भी पुनीत यह है कि यह दौर मेरे जीवनकाल में आया इससे परम् सौभाग्य और क्या होगा।हम अपने ईष्ट के विराजमान होने के पल की सुखद अनुभूति करने पैदल चलकर उनके श्रीधाम पहुंचेंगे।हाथों में भगवान श्रीराम की चित्र उकेरी हुयी ध्वजा लिए जय श्री राम का उदघोष करते जब रामभक्त पंकज शुक्ला की टोली बाबा रामप्रकाश की तपोस्थली से निकली तो उन्हें रवाना करने विधायक प्रतिनिधि निशंक त्रिपाठी, जिला उपाध्यक्ष उमाशंकर तिवारी, कमलेश सिंह,ऋषिकेश तिवारी,पंचदेव तिवारी,बब्बन तिवारी,विष्णु पुजारी,महेश तिवारी सहित क्षेत्र के सैकड़ों लोग कतारबद्ध खड़े जयघोष करते दिखे।भक्ति भाव से परिपूर्ण यह दृश्य अनुपम व अलौकिक था।पैदल रवाना हो रही टीम के साथ ध्वनि विस्तारक यन्त्रों से सुसज्जित वाहन जिसमे बज रहे भक्ति मय भजन,वातावरण में भक्ति का रस घोल रहे थे वहीं यात्रा टीम का उत्साहवर्धन करने को लोग जगह जगह स्वागत करते दिखे।
पैदल यात्रा टीम के अगुवा पंकज शुक्ल ने बताया कि यात्रा शुक्रवार की शाम तक अयोध्या धाम भगवान राम की नगरी पहुंचेगी जहाँ सरयू स्न्नान के बाद दर्शन पूजन का कार्य होगा। उन्होंने कहा कि यात्रा का उद्देश्य सनातन धर्म को जगरूक करना है,सभी लोग अपने आराध्य के लिए 22 जनवरी को व्रत रहते हुए दीपोत्सव पर्व मनाकर उत्सव पर्व मनाये यही मेरी सबसे अपील है।