दिल्ली:
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शराब पीने के लिए कानूनी उम्र कम करने की घोषणा की। इसे अब 25 वर्ष से 21 वर्ष कर दिया गया है। इस मौके पर सिसोदिया ने यह भी कहा कि दिल्ली में शराब की कोई नई दुकान नहीं खोली जाएगी। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि शहर में कोई भी सरकारी शराब की दुकान नहीं होगी और राजधानी में शराब की कोई नई दुकान नहीं खोली जाएगी।
सिसोदिया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रीय राजधानी की आबकारी नीति में बदलाव की घोषणा की। सिसोदिया ने यह भी कहा कि नई नीति का जोर टैक्स की चोरी रोकना होगा। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान घोषणा की, ‘राजस्व में 20 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है।’ मालूम हो कि दिल्ली उन छह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से थी, जिसने शराब पीने के लिए उम्र 25 साल रखी थी। हालांकि सरकार द्वारा गठित एक विशेषज्ञ समिति ने दिसंबर में सिफारिश की थी कि पीने की उम्र को 21 कर दिया जाए
मुंबई जैसे अन्य शहरों में, केवल 25 वर्ष से कम उम्र के लोगों के लिए हार्ड लिकर पर रोक है। जबकि 21 साल के लिए वाइन और बीयर की इजाजत है।
न्यूयॉर्क और लंदन जैसे प्रमुख वैश्विक शहरों में, पीने की उम्र क्रमशः 21 और 18 साल है। हाल के सरकारी आंकड़ों में बताया गया है कि 2019-20 में दिल्ली के निवासी की प्रति व्यक्ति आय, 3,89,143 रुपए थी। यह राष्ट्रीय स्तर से लगभग तीन गुना है।
यह इशारा करता है कि शहर में आवश्यक क्रय शक्ति है। इसलिए कानूनी उम्र को कम किया गया है। दिल्ली की 58% आबादी 30 साल से नीचे है और 68% आबादी कामकाजी आयु वर्ग के अंतर्गत आती है।
पैनल ने बीयर, वाइन और अन्य “सॉफ्ट लिकर कैटेगरी” को बेचने के लिए डिपार्टमेंटल स्टोर्स को रिटेल लाइसेंस जारी करने के सुधार के जरिए होटल, क्लब और रेस्तरां के लिए कारोबार को आसान बनाने को बढ़ावा देने की भी सिफारिश की थी।