संक्रमण के खतरे के चलते बंद पड़े स्कूल को पंद्रह अक्टूबर के बाद खोलने की केंद्र की हरी झंडी मिलने के बाद अब इन्हें खोलने की तैयारी तेज हो गई है। फिलहाल इन्हें चरणबद्ध तरीके से खोला जाएगा। सबसे पहले दसवीं और बारहवीं के छात्रों को स्कूल बुलाया जाएगा। वैसे भी इनकी बोर्ड परीक्षाओं को अब कुछ ही महीने बचे है। ऐसे में इन्हें स्कूल बुलाकर इनके प्रैक्टिकल सहित बाकी बचे कोर्स को भी पूरा कराया जाएगा। कोरोना संकट के चलते नई कक्षाओं में आने के बाद यह बच्चे अब तक एक भी दिन स्कूल नहीं आए है।
इस बीच इन बच्चों की पढ़ाई को लेकर स्कूल से लेकर अभिभावक भी चिंतित है। हालांकि स्कूलों के बंद रहने के बाद भी इन बच्चों को स्कूल लगातार ऑनलाइन पढ़ा रहे थे, लेकिन स्कूलों का मानना है कि बच्चों को कक्षाओं में सामने बैठाकर पढ़ाए बगैर बेहतर रिजल्ट नहीं मिल सकता है। फिलहाल स्कूलों को खोलने को लेकर केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय जैसे देश के बड़े सरकारी स्कूल संगठनों ने तैयारी शुरू कर दी है। वैसे इनकी इससे पहले सरकार की ओर से जारी की गई अनलॉक-4 की गाइडलाइन आने के बाद बच्चों को स्कूल बुलाने की योजना बनाई थी। लेकिन ज्यादातर अभिभावकों की असहमति के बाद योजना को टाल दिया था। जिसमें दसवीं और बारहवीं के छात्रों को 21 सितंबर से बुलाई की योजना बनाई गई थी।
स्कूलों को खोलने की तैयारी के साथ स्कूलों के लिए एक सेफ्टी गाइडलाइन को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है। मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों की मानें तो यह अगले हफ्ते में कभी भी जारी हो जाएगी। वैसे भी स्कूलों को पंद्रह अक्टूबर के बाद खोलने की जिस तरह से तैयारी है, उसमें गाइडलाइन को इससे पहले ही जारी करना होगा। इस बीच जो जानकारी सामने आयी है, उसके तहत प्रत्येक क्लास में 12 बच्चों को ही बैठाया जाएगा। हालांकि परिजनों की सहमति के बाद ही बच्चों को स्कूल बुलाया जाएगा। इसके साथ ही स्कूल आने वाले बच्चों के लिए मास्क, सेनीटाइजर आदि जरूरी होगा। इसके साथ ही बच्चों को स्कूल तक छोड़ने और ले जाने की जिम्मेदारी अभिभावकों की खुद की होगी। हफ्ते में अभी दो दिन ही बच्चों को बुलाया जाएगा। गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए स्कूल मार्च से ही बंद है।
कोरोना वायरस के चलते देश भर के स्कूल लगभग कई महीनो से बंद पड़े हुए है, ऐसे में शिक्षा क्षेत्र के ऊपर इसका काफी गहरा प्रभाव पड़ा है एक तरफ जहाँ बच्चे लम्बे समय से घर बैठे हुए है ऐसे में उनके शिक्षा पर इसका खासा प्रभाव पड़ा है और साथ ही साथ कोचिंग सचालक तथा अध्यापक एक तरह से सड़क पड़ आ गए है, ऐसे में केंद्र सरकार की तरफ से जारी गाइडलाइन के अनुसार शिक्षा जगत के लिए साँस लेने वाली खबर है,
संक्रमण के खतरे के चलते बंद पड़े स्कूल को पंद्रह अक्टूबर के बाद खोलने की केंद्र की हरी झंडी मिलने के बाद अब इन्हें खोलने की तैयारी तेज हो गई है। फिलहाल इन्हें चरणबद्ध तरीके से खोला जाएगा। सबसे पहले दसवीं और बारहवीं के छात्रों को स्कूल बुलाया जाएगा। वैसे भी इनकी बोर्ड परीक्षाओं को अब कुछ ही महीने बचे है। ऐसे में इन्हें स्कूल बुलाकर इनके प्रैक्टिकल सहित बाकी बचे कोर्स को भी पूरा कराया जाएगा। कोरोना संकट के चलते नई कक्षाओं में आने के बाद यह बच्चे अब तक एक भी दिन स्कूल नहीं आए है।
इस बीच इन बच्चों की पढ़ाई को लेकर स्कूल से लेकर अभिभावक भी चिंतित है। हालांकि स्कूलों के बंद रहने के बाद भी इन बच्चों को स्कूल लगातार ऑनलाइन पढ़ा रहे थे, लेकिन स्कूलों का मानना है कि बच्चों को कक्षाओं में सामने बैठाकर पढ़ाए बगैर बेहतर रिजल्ट नहीं मिल सकता है। फिलहाल स्कूलों को खोलने को लेकर केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय जैसे देश के बड़े सरकारी स्कूल संगठनों ने तैयारी शुरू कर दी है। वैसे इनकी इससे पहले सरकार की ओर से जारी की गई अनलॉक-4 की गाइडलाइन आने के बाद बच्चों को स्कूल बुलाने की योजना बनाई थी। लेकिन ज्यादातर अभिभावकों की असहमति के बाद योजना को टाल दिया था। जिसमें दसवीं और बारहवीं के छात्रों को 21 सितंबर से बुलाई की योजना बनाई गई थी।
स्कूलों को खोलने की तैयारी के साथ स्कूलों के लिए एक सेफ्टी गाइडलाइन को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है। मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों की मानें तो यह अगले हफ्ते में कभी भी जारी हो जाएगी। वैसे भी स्कूलों को पंद्रह अक्टूबर के बाद खोलने की जिस तरह से तैयारी है, उसमें गाइडलाइन को इससे पहले ही जारी करना होगा। इस बीच जो जानकारी सामने आयी है, उसके तहत प्रत्येक क्लास में 12 बच्चों को ही बैठाया जाएगा। हालांकि परिजनों की सहमति के बाद ही बच्चों को स्कूल बुलाया जाएगा। इसके साथ ही स्कूल आने वाले बच्चों के लिए मास्क, सेनीटाइजर आदि जरूरी होगा। इसके साथ ही बच्चों को स्कूल तक छोड़ने और ले जाने की जिम्मेदारी अभिभावकों की खुद की होगी। हफ्ते में अभी दो दिन ही बच्चों को बुलाया जाएगा। गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए स्कूल मार्च से ही बंद है।