UP: 72 साल का रिकॉर्ड टूटा… पहली बार किसी पार्टी ने इस सीट के लिए नहीं खोले पत्ते; सभी दलों में संशय बरकरार
रायबरेली: संसदीय सीट को लेकर 72 साल का रिकॉर्ड टूटा है। अधिसूचना जारी हो चुकी है, लेकिन यह पहला चुनाव है जब किसी भी राजनीतिक दल ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। 1952 से लगातार सभी चुनावों में तिथि घोषणा से पहले प्रत्याशी तय करने वाली कांग्रेस अबकी मौन साधे है। भाजपा, बसपा व अन्य पार्टियों में भी प्रत्याशियों को लेकर संशय बरकरार है।
जिले में 20 मई को मतदान और चार जून को मतगणना होगी। रायबरेली संसदीय सीट पर यह पहला चुनाव है, जिसमें किसी भी पार्टी को लेकर लहर देखने को नहीं मिल रही है। सांसद सोनिया गांधी के राज्यसभा में जाने के बाद अभी कांग्रेस से प्रत्याशी का इंतजार है।
वर्ष 2019 के चुनाव में प्रदेश में बची इकलौती लोकसभा सीट को लेकर कांग्रेस में अभी सक्रियता नहीं दिख रही। इस सीट पर सपा ने हर चुनाव में कांग्रेस का साथ दिया है। हर बार यहां से दम दिखाने वाली भाजपा भी इस बार चुनावी घोषणा से पहले प्रत्याशी तय नहीं कर सकी है।
यूं तो भाजपा से कई धुरंधर जिले में माहौल बनाने में जुटे हैं, लेकिन टिकट को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है। पूर्व मंत्री और ऊंचाहार से विधायक मनोज पांडेय के सपा के मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा देने और पिछले विधानसभा चुनाव में बसपा से भाग्य आजमाने वाली अंजलि मौर्या के भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी को मजबूती जरूर मिली है।