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यूपी के 18 साइबर क्राइम थानों में सजा का पहला मामला: नाइजीरियन को अलीगढ़ में सात साल कैद की सजा, ऐसे की ठगी

यूपी के 18 साइबर क्राइम थानों में सजा का पहला मामला: नाइजीरियन को अलीगढ़ में सात साल कैद की सजा, ऐसे की ठगी

वैवाहिक विज्ञापन की साइट पर सइमन फर्जी तस्वीर लगाकर खुद का एकाउंट बनाता था। अपने बायो में वह खुद को रीयल एस्टेट कारोबारी बताता था। साथ में खुद को एनआरआई बताता था। इधर, पुलिस जांच में उजागर हुआ कि वह पांच वर्ष पहले व्यापार वीजा पर कपड़े के व्यापार के लिए दिल्ली आया था। यहां नुकसान होने पर अपने अन्य साथियों संग इस ठगी के धंधे में लग गया।

अलीगढ़: अलीगढ़ महानगर के सिविल लाइंस इलाके की शिक्षिका से साइबर ठगी के प्रकरण में नाइजीरियाई नागरिक को सात वर्ष कैद व दस लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। यह अलीगढ़ जिले में साइबर अपराध में दंडित किए जाने का पहला मामला है। फैसला एसीजेएम चतुर्थ शिवांक सिंह की अदालत ने सुनाया है। अर्थदंड में से पचास फीसदी धनराशि पीड़ित पक्ष को देने के आदेश दिए गए हैं। वहीं साइबर टीम का दावा है कि प्रदेश के नवसृजित 18 साइबर क्राइम थानों में दर्ज अपराध में सजा सुनाए जाने का यह पहला मामला है।
अभियोजन पक्ष से सहायक अभियोजन अधिकारी संतोष कुमार यादव के अनुसार घटना 24 जुलाई 2021 की है। वादी मुकदमा सिविल लाइंस क्षेत्र की महिला सऊदी में शिक्षिका हैं। आरोप के अनुसार उनसे शादी डाट काम पर एक व्यक्ति ने दोस्ती की। उसने महंगा गिफ्ट भेजने का झांसा देकर कस्टम व आयकर चार्ज आदि के नाम पर कई बार में 4.80 लाख ठग लिए। जब महिला को खुद के साथ ठगी का अहसास हुआ तो उन्होंने साइबर थाना में मुकदमा दर्ज कराया गया। जिसमें पुलिस ने विवेचना करते हुए उन खातों की जांच की, जिनमें रुपये ट्रांसफर हुए। ये खाता चेन्नई की एक महिला इनग्रिट ग्रांट निवासी पैरंबूर, तमिलनाडु के नाम से निकला। पुलिस जब उस महिला तक पहुंची तो वह अंजान थी और उल्टा बताया कि उसके साथ भी किसी ने 25 हजार रुपये की ठगी की है।
यह भी बताया कि आरोपी पक्ष ने उन्हें एक सिम भेजी थी। इस पर पुलिस ने खाते में अंकित मोबाइल नंबर को सर्च किया और उसकी लोकेशन देखी तो वह दिल्ली उत्तम नगर की पाई गई। यह भी साफ हुआ कि उत्तम नगर में ही बैंक से रकम निकाली गई है। फिर साइबर की मदद से उस सिम की जांच की तो पुलिस नाइजीरिया मूल निवासी ओनेका सोलोमन विस्डम उर्फ साइमन निवासी ए, 160, चाणक्य प्लेस, पंखा रोड, जनकपुरी, नई दिल्ली का नाम सामने आया। इसके विषय में पता चला कि उसे साइबर ठगी के ही मामले में हैदराबाद पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। वह तेलंगाना की चंचलगुडा जेल में है।

इस आधार पर डेढ़ वर्ष पहले साइबर थाना पुलिस ने इस ठगी के मुकदमे में ओनेका सोलोमन को यहां तलब कराया और मुकदमा उस पर तामील कराया। तब से वह अलीगढ़ कारागार में ही निरुद्ध है। इसके बाद एसीजेएम न्यायालय में ट्रायल शुरू हुआ। इस दौरान साक्ष्यों व गवाही के आधार पर शनिवार को उसे दोषी करार देकर सजा सुनाई गई है। उसे सर्वाधिक सात वर्ष की सजा ठगी व साजिश की धारा में सुनाई है। बाकी साइबर एक्ट में तीन तीन वर्ष की सजा है। इस तरह उसे सात वर्ष सजा व कुल दस लाख रुपये अर्थदंड से दंडित किया गया है।
13 गवाहों ने दी गवाही
साइबर मुकदमे में अभियोजन पक्ष ने कुल 13 गवाह तलब कराए। जिनमें अस्सी वर्षीय चेन्नई की इनग्रिट ग्रांट, बैंक के मुंबई मुख्यालय से आशुतोष कुमार मित्तल, मोबाइल कंपनी लखनऊ मुख्यालय से कौशलेंद्र त्रिपाठी आदि के बयान कराए गए। साथ में पैरवी करने वाले विवेचक इंस्पेक्टर साइबर थाना सुरेंद्र कुमार, एसआइ समरपाल सिंह, एसआइ कुसुमलता, मुख्य आरक्षी अतुल कुमार गुप्ता, राजेश राणा, मनीषा यादव आदि ने मजबूत पैरवी की। तब जाकर सजा हुई है।

ये था ठगी का तरीका
वैवाहिक विज्ञापन की साइट पर सइमन फर्जी तस्वीर लगाकर खुद का एकाउंट बनाता था। अपने बायो में वह खुद को रीयल एस्टेट कारोबारी बताता था। साथ में खुद को एनआरआई बताता था। इधर, पुलिस जांच में उजागर हुआ कि वह पांच वर्ष पहले व्यापार वीजा पर कपड़े के व्यापार के लिए दिल्ली आया था। यहां नुकसान होने पर अपने अन्य साथियों संग इस ठगी के धंधे में लग गया।
अलीगढ़ जिले में साइबर अपराध के मामले में यह पहली सजा हुई है। इसके लिए कई माह की मेहनत व गवाहों को तलब कराकर गवाही कराया गया है। मजबूती से साक्ष्य रखे गए।-संतोष कुमार यादव, एपीओ
प्रदेश में नवसृजित 18 साइबर थानों में शायद यह पहली सजा हुई है। अभी तक जानकारी मेें नहीं आया कि कहीं अन्य सजा हुई हो।-सुरेंद्र सिंह, इंस्पेक्टर साइबर थाना

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