जीई एयरोस्पेस 2024 में पुणे में अपने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का विस्तार करने के लिए 240 करोड़ से अधिक का निवेश करेगी
आधुनिक उपकरण योजनाबद्ध तरीके से उत्पादन बढ़ाने मे मदद करेंगे
डीएस तोमर संवाददाता पुणे, महाराष्ट्र: न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में एकीकृत कंपनी के रूप में सूचीबद्ध, जीई एयरोस्पेस ने पुणे में अपने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का विस्तार करने और उसे अपग्रेड करने के लिए 240 करोड़ (30 मिलियन अमेरिकी डॉलर) से ज्यादा का निवेश करने की घोषणा की है।
इस निवेश से फैक्ट्री को नई परियोजनायें एवं उत्पादन प्रक्रियाओं को जोड़ने में मदद मिलेगी। इसके लिए नई मशीनों, उपकरणों और स्पेशलाइज्ड टूल्स को खरीदा जाएगा और साथ ही मौजूदा उत्पादों की क्षमता भी बढ़ाई जा सकेगी।
जीई एयरोस्पेस में ग्लोबल सप्लाई चेन के वाइस प्रेसिडेंट माइक कॉफमैन ने कहा, “पुणे के मल्टी-मोडल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में हमारी टीम का ध्यान सुरक्षा, गुणवत्ता और अपने उपभोक्ताओं को बेहतर प्रॉडक्ट्स की डिलीवरी पर रहता है। मैं इस साइट का विस्तार होते देखकर काफी खुश हूं। यह प्लांट एयरक्रॉफ्ट के इंजन के अलग-अलग हिस्सों की हमारी ग्लोबल सप्लाई चेन में पहले ही महत्वपूर्ण तरीके से अपना योगदान दे रहा है।’’
जीई एयरोस्पेस की पुणे स्थित फैक्ट्री के प्रबंध निदेशक अमोल नागर ने कहा, “यह निवेश एयरोस्पेस के क्षेत्र में हमारी क्षमता के विस्तार में मदद करेगा। यह हमें उपभोक्ताओं की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए संसाधन प्रदान करेगा, जिसकी हमें जरूरत है।’’
इस फैक्ट्री का उद्घाटन फरवरी 2015 में प्रधानमंत्री मोदी ने किया था। इस फैक्ट्री में कमर्शियल जेट इंजन के तरह-तरह के कलपुर्जे बनाए जाते हैं। इन उपकरणों को दुनिया भर में मौजूद जीई की फैक्ट्रियों में भेजा जाता है, जहां सीएफएम जीई और, सैफरान के संयुक्त उपक्रम में इसका इस्तेमाल विश्व के सबसे शक्तिशाली जेट इंजन G90, GEnx, GE 9X के निर्माण में किया जाता है। यह फैक्ट्री एयरोस्पेस के निर्माण के लिए प्रतिभाशाली स्थानीय लोगों के हुनर को निखार रही है। एयरोस्पेस की विशिष्ट और सटीक प्रक्रिया की शुरुआत से अब तक इस फैक्ट्री में 5000 से ज्यादा स्थानीय लोगों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है।
यह फैक्ट्री आईएसओ 14001 और आईएसओ 45001 प्रमाणित है। यहां पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए निर्माण के बेहतरीन तरीके अपनाए गए हैं और प्लांट के जिम्मेदारीपूर्ण संचालन, निगरानी और प्रबंधन की नीति बनाई है। उदाहरण के लिए प्लांट में इस्तेमाल की जाने वाली 30 फीसदी बिजली नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोत से आती है। यहां से तरल पदार्थ का प्रबंधन बिल्कुल नहीं होता। फैक्ट्री में हर साल 100 मिलियन लीटर पानी को रिसाइकिल कर 1 करोड़ लीटर पानी का फिर से इस्तेमाल किया जाता है। 20 मीट्रिक टन प्लास्टिक को रिसाइकिल किया जाता है।